देहरादून: उत्तराखंड में निष्कासित भाजपा नेता के बेटे के रिसॉर्ट में काम करने वाली युवती के परिवार ने अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। युवती की नदी में धक्का मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने निष्कासित भाजपा नेता विनोद आर्या के बेटे पुलकित आर्या समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
सरकार की जांच पर उठाए सवाल
पीड़ित परिवार का आरोप है कि सरकार इस मामले में आरोपी को बचा रही है। परिवार का कहना है कि सरकार ने रिसॉर्ट को तोड़ दिया गया, जिससे सबूत मिट जाएं। यह गलत किया गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि कई जगहों पर सरकार आरोपी का पक्ष ले रही है। इसके अलावा ये भी खबरें हैं कि परिवार की ओर से मुआवजे की भी मांग की जा रही है।
हालांकि, सरकार का कहना है कि रिसॉर्ट के केवल बाहरी हिस्से को तोड़ा गया है। उस हिस्से को नहीं तोड़ा गया, जहां फोरेंसिक सबूत मिल सकते हैं। अभी परिवार जहां युवती के शव को रखकर अपनी मांगों पर अड़ा है। वहीं, प्रशासन उन्हें समझाने में जुटा हुआ है।
वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में मृतक के भाई अजय सिंह भंडारी के हवाले से लिखा है, 'जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आती तब तक हम अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। प्रोविजनल रिपोर्ट में दिखा है कि उसे मारा-पिटा गया और उसके बाद उसे नदी में डाल दिया गया। जब तक फाइनल रिपोर्ट नहीं आती तब तक हम रुके हैं।'
बता दें, युवती की व्हॉट्सएप चैट भी सामने आई है, जिसमें वह अपने दोस्त को बता रही है कि रिसॉर्ट मालिक उस पर मेहमानों को 'एक्स्ट्रा सर्विस' देने का दबाव बना रहा है। पुलिस का कहना है कि वह इन चैट्स की भी जांच कर रही है।
इस मामले में आरोपी भाजपा नेता विनोद आर्या के बेटे पुलकित आर्या के रिसॉर्ट को गुस्साए लोगों ने शनिवार को आग लगा दी थी। कुछ दिन पहले लापता हुई 19 वर्षीय युवती का शव शनिवार को ऋषिकेश की चिल्ला नहर से बरामद किया गया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया था। पुलकित आर्या सहित तीन लोगों को शुक्रवार को उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब उन्होंने एक विवाद के बाद युवती को नहर में धकेलने की बात कबूल कर ली।