बेंगलुरु: हिंदुत्ववादी राजनीति के खिलाफ खुलकर विचार जाहिर करने वाली वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की मंगलवार को बेंगलुरु में गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावरों ने उनके घर में घुसकर उन्हें गोली मार दी। प्राप्त जानकारी के अनुसार अज्ञात बदमाशों ने काफी नजदीक से उन पर गोलियां चलाईं और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। वैचारिक मतभेदों को लेकर वह कुछ लोगों के निशाने पर थीं। वह कन्नड़ भाषा में एक साप्ताहिक पत्रिका निकालती थीं और उन्हें निर्भीक और बेबाक पत्रकार माना जाता था। वह कर्नाटक की सिविल सोसायटी की चर्चित चेहरा थीं। गौरी कन्नड़ पत्रकारिता में एक नए मानदंड स्थापित करने वाले पी. लंकेश की बड़ी बेटी थीं। वह वामपंथी विचारधारा से प्रभावित थीं और हिंदुत्ववादी राजनीति की मुखर आलोचक थीं। कनार्टक के पुलिस प्रमुख आर के दत्ता ने कहा कि राज राजेश्वरी इलाके में उनके घर के प्रवेश द्वार पर अज्ञात हमलावरों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। गौरी लंकेश साप्ताहिक कन्नड़ टैबलॉयड मैग्जीन 'लंकेश पत्रिके' की संपादक थीं। इसके अलावा कुछ दूसरे प्रकाशन की भी मालकिन थीं। पुलिस प्रमुख आर के दत्ता ने कहा कि लंकेश ने उनके साथ कई मुलाकातों के दौरान अपने जीवन पर खतरा बताया था।
यह पूछने पर कि हत्या के संभावित संदिग्ध कौन हो सकते हैं, अधिकारी ने कयास लगाने से इंकार करते हुए कहा कि पहले जांच हो जाने दीजिए। कनार्टक के गृह मंत्री रामलिंगा रेडडी ने घटना की निंदा करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। पिछले वर्ष भाजपा सांसद प्रह्लाद जोशी की तरफ से दायर मानहानि मामले में उन्हें दोषी करार दिया गया था जिन्होंने उनके टैबलॉयड में भाजपा नेताओं के खिलाफ एक खबर पर आपत्ति जताई थी। मीडिया और सार्वजनिक क्षेत्र के लोगों ने टिवटर पर लंकेश की हत्या पर निराशा जाहिर की। मशहूर मीडिया हस्ती वीर सांघवी ने कहा, 'दशकों पुरानी एक मित्र, सहयोगी और प्रशंसक गौरी लंकेश की हत्या से क्षुब्ध हूं।' वकील एवं कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने टवीट किया- 'दुखद और भयावह' भाजपा का भंडाफोड़ करने वाली बहादुर पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरू स्थित आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई।