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कैशकांड पर विनोद तावड़े ने राहुल-खड़गे-श्रीनेत को भेजा कानूनी नोटिस

रायपुर: संसद के दोनों सदनों से कृषि संबंधी तीनों विधेयक पारित हो चुके हैं। सरकार जहां इसे क्रांतिकारी बताते हुए किसानों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाला बता रही है। वहीं विपक्ष इसे किसान विरोधी कहकर प्रचारित कर रहा है। देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे काला कानून करार दिया है। अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार की नजर किसानों की जमीन पर है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 'अब कोई भी अपने गोदाम में कितना भी सामान रख सकता है। कुछ लोग भारत में अनाजों के, दलहन-तिलहन के मूल्य पर नियंत्रण करेंगे। इससे आम उपभोक्ता पर जबरदस्त मार पड़ने वाली है। अब तक आपने हवाई अड्डा बेच दिया, रेलवे स्टेशन बेच दिया और अब आपकी नजर किसानों की जमीन पर है।'

राहुल गांधी ने श्रम सुधारों से जुड़े तीन विधेयकों को लेकर सरकार पर साधा निशाना

राहुल गांधी ने संसद से पारित श्रम सुधारों से जुड़े तीन विधेयकों को लेकर गुरुवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि किसानों के बाद मजदूरों पर वार किया गया है।

राज्यसभा ने बुधवार को उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता 2020, औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 को मंजूरी दी, जिनके तहत कंपनियों को बंद करने की बाधाएं खत्म होंगी और अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की इजाजत के बिना कर्मचारियों को हटाने की अनुमति होगी।

लोकसभा ने इन तीनों विधेयकों को मंगलवार को पारित किया था और अब इन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'किसानों के बाद मजदूरों पर वार। गरीबों का शोषण, ‘मित्रों’ का पोषण। यही है बस मोदी जी का शासन।' इन विधेयकों को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सरकार पर निशाना साधा।

 

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