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नई दिल्ली: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को बिहार के लोगों पर हमले की खबर पर कहा कि प्रवासी मजदूरों को डरने की जरूरत नहीं है। अगर कोई आपको धमकी देता है तो हेल्पलाइन पर कॉल करें। तमिलनाडु सरकार और लोग हमारे प्रवासी भाइयों की रक्षा के लिए खड़े होंगे। तमिलनाडु और बिहार के अधिकारियों ने दक्षिणी राज्य में बिहार के प्रवासी कामगारों पर हमलों के बारे में अफवाहें फैलाने वालों को चेतावनी भी दी है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के कार्यालय ने मीडिया को बताया कि बिहार के अधिकारियों ने कहा कि वे स्थानीय अधिकारियों के साथ प्रवासी श्रमिकों से मिलेंगे। वहीं तमिलनाडु के जिलाधिकारियों ने हिंदी में अपील जारी कर प्रवासी श्रमिकों से कहा है कि वो डरे नहीं। बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर हमलों के बारे में अफवाहों की जांच के लिए दोनों राज्यों की पुलिस सोशल मीडिया पर नजर रख रही है।

बिहार के मजदूरों पर हुए हमले की खबर पर बिहार विधानसभा में भी हंगामा हुआ था। बिहार विधानसभा में डिप्टी तेजस्वी यादव ने बीजेपी को चुनौती दी कि वह गृह मंत्रालय को मामले की जांच कराने के लिए कहें।

चेन्नई: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विपक्ष अभी से एकजुट होने की कवायद में लगा है। इसी को लेकर चेन्नई में सत्ताधारी पार्टी डीएमके के मुखिया और सीएम एमके स्टालिन के जन्मदिन पर बुधवार को रथ यात्रा का आयोजन किया गया। इसमें कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के कई नेताओं ने शिरकत की। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्षी एकता को लेकर बड़ा बयान दिया है।

एकजुट विपक्ष में पीएम पद का उम्मीदवार कौन होगा, इस सवाल पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'मैंने कभी नहीं कहा कि कौन लीड करेगा?' उन्होंने आगे कहा, 'समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एक साथ आना चाहिए। कौन नेतृत्व करेगा या कौन पीएम चेहरा होगा, ये सवाल नहीं है। हम एकजुट होकर लड़ना चाहते हैं, यही हमारी इच्छा है।' इससे पहले 2019 में कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया था कि वह गठबंधन का नेतृत्व करना चाहती है।

चेन्नई: इरोड (पूर्वी) सीट पर कांग्रेस-डीएमके मोर्चे के उम्मीदवार ई वी के एस एलंगोवन के लिए चुनाव प्रचार करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बड़ी घोषणा की। सीएम स्टालिन ने शनिवार को एलान करते हुए कहा कि अगले राज्य के बजट में परिवारों की महिला मुखियाओं को 1000 रुपये मासिक सहायता आवंटित किया जाएगा।

प्रचार अभियान के दौरान स्टालिन ने आगे कहा कि वर्ष 2021 में द्रमुक सरकार ने जब सत्ता संभाली, तब राज्य की वित्तीय स्थिति बहुत खराब थी। लेकिन उसके बावजूद उनकी पार्टी अपने वादों और घोषणाओं को पूरा करने में विफल नहीं हुई।

विपक्ष पर निशाना साधते हुए स्टालिन ने एलान किया कि परिवार की प्रत्येक महिला मुखिया को प्रति माह 1,000 रुपये दिया जाएगा। सीएम ने आगे कहा कि डीएमके द्वारा किए गए सभी चुनावी वादे इस साल के अंत तक पूरे हो जाएंगे, भले ही पार्टी के पास वादों को पूरा करने के लिए पांच साल थे।

नई दिल्ली: तमिलनाडु की राजनीति में अन्नाद्रमुक पार्टी पर वर्चस्व की जंग पर सुप्रीम कोर्ट ने आज ब्रेक लगा दिया। दरअसल, शीर्ष अदालत ने आज मद्रास हाई कोर्ट की खंडपीठ के उस फैसले की पुष्टि की जिसमें एडप्पादी के पलानीस्वामी (ईपीएस) को अन्नाद्रमुक पार्टी के एकल नेता के रूप में बहाल किया गया था। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के फैसले को चुनौती देने वाली ओ पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) की याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब पार्टी की कमान पूरी तरह से पलानीस्वामी के हाथों में होगी।

जयललिता के अचानक निधन के बाद पार्टी पर कब्जे को लेकर फिर विवाद शुरू हो गया। तब पनीरसेल्वम और पलानीस्वामी के साथ-साथ जे जयललिता की सहयोगी रहीं शशिकला भी इस विवाद का हिस्सा रहीं। हालांकि, बाद में वह अलग हो गईं। पार्टी दो धड़ों में बंट गई। एक धड़ा पार्टी के दिग्गज नेता ई पलानीस्वामी यानी ईपीएस के साथ आ गया और दूसरा ओ पनीरसेल्वम यानी ओपीएस के साथ तब एक फार्मूला बना। इसके तहत पलानीस्वामी को जॉइंट को-ऑर्डिनेटर और पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) को-ऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई।

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