नई दिल्ली: तमिलनाडु में तीसरी ताकत के तौर पर उभरने के भाजपा के दावे पर राज्य के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने करारा प्रहार किया है। उन्होंने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा कि ये दावा ऐसे ही है कि क्लास में एक बच्चा 90 फीसदी नंबर लाता है, दूसरा 50 फीसदी अंक और तीसरा 10%। दस फीसदी अंक लाने के साथ वो तीसरी ताकत बनने का दावा करता है। भाजपा द्वारा हालिया विधानसभा चुनाव में भारी जीत हासिल करने के दावे को भी स्टालिन ने गलत बताया।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की संख्या कम हुईं और पंजाब में उसे दो सीटें मिलीं और कई बड़े नेता चुनाव हार गए। उनका एक डिप्टी सीएम समेत 10 मंत्री चुनाव हार गए। गोवा में भाजपा के कई दिग्गज नेता और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी चुनाव में पराजित हुए। लिहाजा पूरे तौर पर देखा जाए तो पांच विधानसभा चुनाव के नतीजे भाजपा के लिए नकारात्मक रहे हैं। फरवरी में हुए स्थानीय निकाय चुनाव के बाद भाजपा ने तमिलनाडु में डीएमके-एआईएडीएमके के बाद सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरने का दावा किया है।
डीएमके ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव, वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद स्थानीय निकाय चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। डीएमके ने दो तिहाई से ज्यादा सीटें हासिल की हैं। वहीं भाजपा को भी 300 से ज्यादा सीटों पर विजय मिली है। इसके बाद से उत्साहित भाजपा कार्यकर्ता तमिलनाडु में कमल खिलने का दावा कर रहे हैं। तमिलनाडु में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने दावा किया है कि अब आधिकारिक तौर पर भाजपा तीसरी ताकत बन गई है। उसका वोट प्रतिशत भी तमिलनाडु में 10 फीसदी तक पहुंच गया है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के चार विधायक निर्वाचित हुए हैं।
स्टालिन ने कहा कि डीएमके के पहले एआईएडीएमके के दस साल के शासन में तमिलनाडु का प्रशासन और वित्तीय व्यवस्था बदहाल होती गई है। लेकिन केवल पिछले कामकाज को दोष देने के बजाय डीएमके सरकार ने 10 महीनों में तेजी से कदम उठाए हैं। डीएमके सरकार ने सभी चुनावी वादे पूरे किए हैं और भविष्य के लिए योजना बनाई जा रही है, ताकि तमिलनाडु का उसका गौरव लौटाया जा सके।
हालांकि स्टालिन ने स्पष्ट किया कि भाजपा के विरोध का मतलब किसी राजनीतिक पार्टी के खिलाफ व्यक्तिगत द्वेष नहीं है। हमें भाजपा की नीतियों से ऐतराज है, न कि किसी व्यक्ति विशेष से। लिहाजा हमारा विरोध सैद्धांतिक है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में डीएमके की अहमियत हमेशा बनी रहेगी। देश में कौन प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनेगा, इसमें डीएमके की अहम भूमिका रही है। डीएमके अब संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।