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नई दिल्ली: द्रमुक ने तमिलनाडु विधानसभा से पारित कई विधेयकों को राज्यपाल द्वारा मंजूरी देने में कथित तौर पर विलंब होने का विषय मंगलवार को लोकसभा में उठाया और कहा कि कानून का पालन होना चाहिए। सदन में शून्यकाल के दौरान द्रमुक के नेता टीआर बालू ने यह विषय उठाया और आरोप लगाया कि एम के स्टालिन सरकार द्वारा लाए गए सात विधेयकों को राज्यपाल मंजूरी नहीं दे रहे हैं। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह राज्य से जुड़ा विषय है।

द्रमुक नेता ने कहा, ‘‘क्या हम जंगलराज चला रहे हैं?...कानून का राज चलना चाहिए।’’ संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सदन में राज्यपाल के बारे में चर्चा के लिए अनुमति लेनी पड़ती है। द्रमुक के नेता अनुमति के बिना इस विषय पर चर्चा नहीं कर सकते।

शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के एक स्थानीय नेता की कथित हत्या का विषय उठाते हुए कहा कि इसकी अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच होनी चाहिए।

इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के कई सदस्यों ने टोका-टोकी भी की।

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