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तिरूचिरापल्ली: अन्नाद्रमुक प्रमुख और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने केन्द्र सरकार से मांग किया कि वह प्रदेश में रहने वाले श्रीलंकाई तमिलों को दोहरी नागरिकता दे। साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी श्रीलंका में तमिलों के लिए पृथक गृह प्रदेश हासिल करने के लिए ‘लगातार कदम’ उठाएगी। जयललिता ने यहां एक विशाल चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि वह श्रीलंका में तमिलों के साथ हुए युद्ध अपराधों और कथित नरसंहार की स्वतंत्र तथा अंतरराष्ट्रीय जांच कराने की लगातार मांग करती रही हैं। उन्होंने कहा, ‘ऐसे में श्रीलंकाई तमिलों को पूर्ण स्वतंत्रता और आत्मसम्मान से रहने में सक्षम बनाने तथा अलग इलम पाने की दिशा में लगातार कदम उठाते रहेंगे।’ श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर धुर विरोधी द्रमुक के खिलाफ तीखी टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि द्रमुक और कांग्रेस दोनों संयुक्त रूप से श्रीलंकाई तमिलों की बर्बादी के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, ‘प्रदेश में रह रहे श्रीलंकाई तमिलों को दोहरी नागरिकता देने का हम केन्द्र सरकार से अनुरोध करेंगे, ताकि उन्हें आसानी से रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें।’

जयललिता ने कहा कि श्रीलंका के तमिल तमिलनाडु में शिविरों और उनके बाहर रह रहे हैं और उनका प्रशासन उन्हें सारी सुविधाएं दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘यहां ऐसे भी लोग हैं जो शरणार्थियों से पैदा हुए हैं और राज्य में पले बढ़े हैं। जब केंद्र सरकार ने उन्हें वापस भेजने की कोशिश की तो हमारी सरकार ने उसका विरोध किया।’ उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की नीति है कि कोई भी प्रत्यर्पण स्वैच्छिक होना चाहिए तथा इस संदर्भ में इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि श्रीलंका में स्थिति बेहतर की ओर तब्दील हो। जयललिता ने द्रमुक पर इस विषय पर ड्रामा करने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी प्रमुख करूणानिधि की तीन घंटे की हड़ताल ढकोसला है क्योंकि ‘उन्होंने न केवल यहां बल्कि श्रीलंका में तमिलों के साथ विश्वासघात किया।’

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