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चंडीगढ़: अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने शनिवार को भगोड़े अमृतपाल सिंह से पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने और जांच में सहयोग करने को कहा है। जत्थेदार ने पुलिस की क्षमता पर भी सवाल उठाया और आश्चर्य व्यक्त किया कि इतनी बड़ी ताकत होने के बावजूद वे अमृतपाल सिंह को क्यों नहीं पकड़ पाए हैं।

पुलिस जांच में सहयोग करे अमृतपाल

जत्थेदार ने कहा, "अगर अमृतपाल सिंह पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, तो मैं उसे पुलिस के सामने पेश होने और पुलिस जांच में सहयोग करने के लिए कहूंगा।" उनकी यह टिप्पणी अमृतपाल और उनके नेतृत्व वाले संगठन 'वारिस पंजाब दी' के तत्वों के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई के मद्देनजर आई है।

अमृतपाल सिंह 18 मार्च से फरार है, जब पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। कई तस्वीरों और वीडियो में उसे पुलिस को चकमा देने के लिए कई वाहन ले जाते हुए दिखाया गया है। जालंधर जिले में उसके काफिले को रोके जाने पर वह पुलिस को चकमा देकर बच निकलने में कामयाब रहा। उसका ठिकाना अभी भी अज्ञात है।

पंजाब सरकार ने उसके और कुछ सहयोगियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया है।

पुलिस की कार्रवाई पर भी उठाए सवाल

जत्थेदार ने शनिवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि दुनिया भर में रहने वाले हर सिख के मन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि राज्य में भारी पुलिस बल होने के बावजूद अमृतपाल सिंह को कैसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि यह पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। अगर उसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है तो पुलिस को यह बताना चाहिए।

माता-पिता ने अमृतपाल के पकड़े जाने की व्यक्त की आशंका

भगोड़े के माता-पिता ने पहले आशंका व्यक्त की थी कि उनके बेटे को पुलिस पहले ही पकड़ चुकी है। उन्होंने पुलिस से यह भी ध्यान रखने को कहा कि अमृतपाल मामले में पकड़े गए सिख युवकों ने उतने बड़े अपराध नहीं किए हैं, जितने कि किए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। अमृतपाल सिंह और उसके कई साथियों पर पुलिस ने कई मामले दर्ज किए हैं।

सिख और निहंग संगठनों की बुलाई गई सभा

अकाल तख्त जत्थेदार ने पंजाब की स्थिति पर चर्चा करने के लिए लगभग 60 से 70 सिख संगठनों और निहंग संगठनों की एक विशेष सभा भी बुलाई है। राजनीतिक संगठनों के किसी प्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किया गया है।

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