चंडीगढ़: अमृतसर के सिविल लाइंस थाने में आम आदमी पार्टी के नेता आशीष खेतान के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज किया गया है। आशीष खेतान ने आम आदमी पार्टी के घोषणापत्र की तुलना गुरु ग्रंथ साहिब से की थी। आशीष खेतान ने कहा था, ‘आम आदमी पार्टी के लिए ये घोषणापत्र बाइबिल भी है, गीता भी है और गुरुग्रंथ साहिब भी।’ आशीष खेतान के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को भड़काने का मामला दर्ज किया गया है। खेतान के खिलाफ यह मामला पंजाब विधानसभा चुनाव के वास्ते आम आदमी पार्टी द्वारा युवाओं के लिए अपने घोषणापत्र को जारी करने के दौरान इसे धार्मिक पुस्तकों के समकक्ष बताने के लिए माफी मांगे जाने के एक दिन बाद दर्ज किया गया। अमृतसर के सिविल लाइन्स पुलिस थाने में बीती रात खेतान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295 ए (किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक आस्थाओं का अपमान कर उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों को अंजाम देना) के तहत एक मामला दर्ज किया गया है। पुलिस आयुक्त अमर सिंह चहल ने बताया कि यह मामला अखिल भारतीय सिख छात्र संघ (एआईएसएसएफ) के अध्यक्ष करनैल सिंह पीर मोहम्मद की शिकायत पर कल दर्ज किया गया। शिकायत के अनुसार, आप नेता ने अपने ‘युवाओं के लिए घोषणापत्र’ को अमृतसर में जारी करते समय इसे ‘गुरूग्रंथ साहिब’ तथा अन्य धार्मिक पुस्तकों के समकक्ष बता कर लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि घोषणापत्र के कवर पेज पर स्वर्ण मंदिर की तस्वीर और उस पर पार्टी का चुनाव चिह्न झाड़ू लगाया गया है जिससे लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। पुलिस ने कहा कि वह मामले की जांच कर रही है। इस मुद्दे पर आलोचना से घिरी आम आदमी पार्टी ने कल माफी मांगते हुए कहा कि उसका इरादा समाज के किसी भी वर्ग को आहत करने का नहीं था। आप नेता आशीष खेतान ने कल खन्ना में कहा था कि पार्टी किसी भी वर्ग, समुदाय या किसी भी व्यक्ति को आहत करने का इरादा नहीं रखती। पूर्व में, खेतान ने इस घोषणापत्र को जारी करने के दौरान इसकी तुलना गुरूग्रंथ साहब जी एवं अन्य धर्मग्रंथों बाइबल, गीता आदि से की थी । पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने भी आप के युवा घोषणापत्र के मुखपृष्ठ पर स्वर्ण मंदिर और उस पर आप के चुनाव चिह्न झाड़ू की तस्वीर लगाने को लेकर पार्टी की आलोचना की थी और कहा कि था कि यह पवित्र ग्रंथ का अनादर है, इसलिए आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।