कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के हावड़ा जिला (सदर) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के दो दिन बाद, लक्ष्मी रतन शुक्ला ने इसके पीछे का राज खोला। बंगाल रणजी टीम के पूर्व कप्तान शुक्ला ने गुरुवार को कहा कि मैं कुछ समय के लिए राजनीति छोड़ रहा हूं क्योंकि खेलों के विकास के लिए काम करना चाहते हूं।
शुक्ला ने अपनी क्रिकेट अकादमी में संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैं कुछ समय तक राजनीति में नहीं रहना चाहता। इसलिए मैंने इस्तीफा दिया है।' मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर कहा था कि शुक्ला ने त्यागपत्र में लिखा है कि वह खेल को अधिक समय देना चाहते हैं और विधायक बने रहेंगे। इसे नकारात्मक तरीके से न लें। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मंगलवार को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि वह खेल एवं युवा मामलों के राज्य मंत्री और तृणमूल कांग्रेस हावड़ा (सदर) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं। हालांकि, अपने पत्र में उन्होंने साफ किया था कि विधायक के तौर पर वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।
शुक्ला ने कहा, 'मैं उन सबका निजी तौर पर आभार व्यक्त करता हूं जिनसे मैं मिला हूं। मैं लोगों से मिलना जारी रखूंगा, क्योंकि मैं अब भी विधायक हूं। मैं बंगाल के लोगों का समर्थन के लिए आभार जताता हूं। वे आज भी मुझे खिलाड़ी कहकर बुलाते हैं और यही मेरी असली पहचान है। मैं खुश हूं कि मेरी पहचान नहीं बदली है।'
बता दें कि लक्ष्मी रतन शुक्ला भारत के लिए तीन वनडे खेल चुके हैं। इसके अलावा आईपीएल में भी वो कोलकाता नाइट राइडर्स, दिल्ली डेयरडेविल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के साथ खेल चुके हैं। उन्होंने राज्य में हुए पिछले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति का रुख किया था और पश्चिम बंगाल के हावड़ा उत्तर से विधायक बने थे।