कोलकाता: भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने रविवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। राजभवन के सूत्रों ने बताया कि यह शिष्टाचार भेंट थी और इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। उल्लेखनीय है कि अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गांगुली के राजनीति से जुड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं।
सौरव गांगुली शाम करीब चार बजकर 40 मिनट पर राजभवन पहुंचे, लेकिन उन्होंने मुलाकात के कारणों को लेकर किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। गांगुली और धनखड़ के बीच यह मुलाकात शाम पांच बजकर 40 मिनट तक चली। राजभवन के सूत्रों ने बताया कि गांगुली के राज्यपाल से मुलाकात का संबंध राज्य की राजनीतिक गतिविधियों से नहीं है। हालांकि, पिछले महीने एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सौरव गांगुली ने भाजपा नेतृत्व को बता दिया है कि वह ना तो राजनीति में उतरना चाहते हैं और ना ही विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे।
'द टेलिग्राफ' के ऑनलाइन संस्करण ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि सौरव गांगुली ने बीजेपी के सामने यह साफ कर दिया है कि वह एक्टिव पॉलिटिक्स में शामिल नहीं होना चाहते हैं और क्रिकेट प्रशासक के तौर पर अपनी भूमिका से खुश हैं। सूत्रों ने यह भी बताया था कि गांगुली की ओर से इंकार किए जाने के बाद पार्टी ने उनपर मन बदलने के लिए कोई दबाव नहीं डाला।
राजनीति में एंट्री की अटकलों पर क्या बोली थी टीएमसी?
'दादा' के राजनीति में एंट्री को लेकर लगाई जा रहीं अटकलों के बीच तृणमूल कांग्रेस ने कहा था कि अगर ऐसा होता है तो फिर काफी दुख होगा। जब टीएमसी सांसद सौगत राय से सौरव गांगुली के राजनीति में आने की अटकलों पर पूछा गया था तो उन्होंने कहा कि अगर वह राजनीति में आते हैं तो मुझे खुशी नहीं होगी। सौगत रॉय ने कहा कि सौरव गांगुली सभी बंगालियों के लिए एक आइकन हैं, क्योंकि वो बंगाल से इकलौते क्रिकेट कप्तान रहे हैं। वह टीवी शो के कारण भी प्रसिद्ध हैं। मगर उनका राजनीति में कोई बैकग्राउंड नहीं है, इसलिए गांगुली यहां नहीं टिक पाएंगे।
बंगाल फतह करने के लिए पूरा जोर लगा रही भाजपा
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके लिए बीजेपी पूरा जोर लगा रही है। पार्टी अपने प्रमुख नेताओं को बंगाल भेज रही है। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य का दौरा किया था, जिसमें टीएमसी को तगड़ा झटका दिया था। उन्होंने ममता बनर्जी के करीबी माने-जाने वाले शुभेंदु अधिकारी को अपनी पार्टी में शामिल करवा लिया था। इसके अलावा भी कई टीएमसी नेताओं ने भगवा पार्टी का दामन थामा था। वहीं, गृह मंत्री शाह प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा भी कर चुके हैं कि बंगाल का ही कोई चेहरा बीजेपी की ओर से बंगाल में मुख्यमंत्री बनेगा।