कोलकाता: पश्चिम बंगाल के विश्व भारती विश्वविद्यालय का आज शताब्दी समारोह था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं। इसे लेकर भाजपा ने बनर्जी पर सवाल भी खड़े किए। वहीं, बनर्जी ने कहा है कि मुझे इस कार्यक्रम के लिए कोई आमंत्रण नहीं मिला। मुख्यमंत्री ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के संबंध में न तो मेरे पास कोई फोन आया और न ही कोई चिट्ठी मिली। कहा जा रहा है कि विश्वविद्यालय की ओर से ममता को पत्र भेजा गया था।
राज्यपाल ने साधा राज्य सरकार पर निशाना
उधर, राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्रिकेट में सभी गेंदों को नहीं खेला जाता है और सभी को बख्शा भी नहीं जाता है। जो लोग विश्वविद्यालय को विवाद में डालना चाहते हैं, मैं उनसे संस्थान और कुलपति को पूर्ण स्वायत्तता देने की अपील करता हूं।
पांच छात्रों के साथ हुई थी शुरुआत
विश्व भारती विश्वविद्यालय की शुरुआत एक आश्रम के तौर पर रवींद्रनाथ टैगोर के पिता महर्षि देवेंद्रनाथ टैगोर ने 1863 में सात एकड़ जमीन पर एक आश्रम के तौर पर की थी। जहां 1901 में रवींद्रनाथ टैगोर ने पांच छात्रों के साथ विश्वविद्यालय स्थापित किया और इसे विज्ञान के साथ कला और संस्कृति की पढ़ाई का उत्कृष्ट केंद्र बनाया।
1921 में इसे राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला और वर्तमान में यहां छह हजार से भी ज्यादा विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। विश्व भारती देश की सबसे पुरानी केंद्रीय यूनिवर्सिटी है। मई 1951 में संसद के एक अधिनियम द्वारा विश्व-भारती को एक केंद्रीय विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय महत्व का एक संस्थान घोषित किया गया था।
शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए प्रसिद्ध
केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित इस विश्वविद्यालय से 10 उप-संस्थान भी संबद्ध हैं जो उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए प्रसिद्ध हैं। विश्वविद्यालय स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तर के पाठ्यक्रमों का संचालन करता है। यहां के पुस्तकालय में दुनियाभर की किताबें मौजूद हैं।
शांतिनिकेतन में स्थित इस विश्वविद्यालय को अपने शांत और प्राकृतिक वातावरण के लिए भी जाना जाता है। यहां आने वाले लोग यहां के खान-पान के भी मुरीद हैं। यहां की प्राकृतिक छटा मनमोहक है और यह विश्वविद्यालय दुनियाभर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी है।