कोलकाता: पश्चिम बंगाल के पुलिस प्रमुख (डीजीपी) , मुख्य सचिव समेत आला अधिकारी केंद्र सरकार द्वारा राज्य की कानून-व्यवस्था पर चर्चा के लिए सोमवार को बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होंगे। तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। केंद्र ने पश्चिम बंगाल में गुरुवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले को संज्ञान में लेते हुए यह बैठक बुलाई थी। केंद्र को भेजे पत्र में बंगाल सरकार ने कहा, मुख्य सचिव और डीजीपी केंद्रीय गृह सचिव द्वारा बुलाई गई इस बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे। इस घटना की पहले ही जांच की जा रही है।
बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय ने एक पत्र में कहा, हमने वास्तव में सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम किए थे। केंद्र ने यह बैठक राज्यपाल जगदीप धनखड़ की उस रिपोर्ट के बाद बुलाई थी, जिसमें राज्य में कानून-व्यवस्था की खराब होती हालत का जिक्र था। तृणमूल कांग्रेस पहले ही केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई इस बैठक को असंवैधानिक करार दे चुकी है। तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा था कि ममता सरकार इस मामले की जांच में जुटी है और कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है।
जेपी नड्डा के काफिले पर 24 परगना में पथराव की घटना हुई थी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की कार पर बड़े पत्थर फेंके गए थे, जिसके लिए उन्होंने टीएमसी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि टीएमसी का यह सुनियोजित हमला था। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नड्डा के काफिले पर हमले के मामले में केंद्र को रिपोर्ट भेजी है। गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी को 14 दिसंबर को तलब किया था।
जेपी नड्डा की बंगाल यात्रा के दौरान गुरुवार को 24 परगना में उनके काफिले पर ईंट-पत्थर से हमला किया गया था। नड्डा ने इसके लिए तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया था। गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इसके लिए जवाब देना होगा।