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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीस्ता विवाद पर बांग्लादेश के आहत होने की बात कहते हुए मंगलवार को कहा कि अगर स्थिति अनुकूल होती तो वह मैत्रीपूर्ण पड़ोसी देश के साथ नदी का जल साझा करतीं। बनर्जी ने यहां विधानसभा में कहा, वे (बांग्लादेशी) आहत है क्योंकि हम उनके साथ तीस्ता के पानी का बंटवारा नहीं कर सके। अगर मुझमें क्षमता होती तो मैं उनके साथ निश्चित तौर पर तीस्ता का पानी साझा करती। मुझे कोई दिक्कत नहीं है। बांग्लादेश हमारा मित्र है और इसमें कोई शक नहीं है।

उन्होंने कहा, जब ज्योति बसु मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने भी फरक्का बैराज से बांग्लादेश के साथ पानी साझा किया था। तीस्ता जल बंटवारा समझौते पर सितंबर 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बांग्लादेश दौरे के दौरान हस्ताक्षर होने थे लेकिन बनर्जी की आपत्तियों के कारण आखिरी क्षण में इस समझौते को स्थगित कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश के साथ तीस्ता जल बंटवारा समझौते का विरोध करते हुए कहा था कि उनके क्षेत्र के लोगों को ''एक बूंद पानी भी नहीं मिलेगा।

उन्होंने 2017 में कहा था, तीस्ता सूख रही है। अगर हम इसके पानी का बंटवारा करेंगे तो सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी के लोगों को दिक्कत होगी, किसान खेती नहीं कर पाएंगे। मैं यह इसलिए कह रही हूं क्योंकि मैंने स्थिति देखी है। तीस्ता बांग्लादेश के लिए महत्वपूर्ण है, खासतौर से दिसंबर से मार्च की अवधि के दौरान जब पानी का बहाव 5,000 क्यूसेक से घटकर 1,000 क्यूसेक पर पहुंच जाता है।

उन्होंने कहा, ''उस समय (जब बांग्लादेश ने पश्चिम बंगाल को हिल्सा मछली की आपूर्ति रोक दी थी) अपने राज्य में हिल्सा प्रेमी बंगालियों के बारे में सोचकर हमने तीन साल पहले डायमंड हार्बर में एक शोध केंद्र खोला। वे अभी हिल्सा पर शोध कार्य कर रहे हैं। बनर्जी ने दावा किया, अगर वे शोध कार्य में सफल हो गए तो हम पूरी दुनिया को हिल्सा की आपूर्ति कर पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अभी पश्चिम बंगाल में हिल्सा मछली की कोई कमी नहीं है।

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