नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को हड़ताल पर गए डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील करते हुए कहा कि अस्पताल में मरीजों की हालत खराब है। ममता ने कहा कि आंदोलनकारी डॉक्टरों से उनकी बातचीत विफल हो गई है, लेकिन बातचीत के दरवाजे हमेशा खुले हैं। उन्होंने कहा, 'मैं डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील करती हूं। हजारों मरीज इलाज का इंतजार कर रहे हैं।"
ममता ने कहा, "हम उनकी सभी मांगें स्वीकार करते हैं। मैंने अपने मंत्रियों और मुख्य सचिव को डॉक्टरों से मिलने के लिए भेजा था। डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए कल (शुक्रवार) और आज करीब 5 घंटे तक इंतजार किया, लेकिन वे नहीं आए। आपको संवैधानिक संस्थाओं को सम्मान देना होगा।" इसके आगे उन्होंने कहा, "हमने एक भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया। हम किसी को पुलिस थाने लेकर नहीं गए। स्वास्थ्य सेवाएं इस तरह से बाधित नहीं होनी चाहिए। मैं कोई सख्त कार्रवाई करने नहीं जा रही हूं। सदबुद्धि आए।"
दिल्ली के कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने किया विरोध प्रदर्शन
दिल्ली के कई सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने कोलकाता के अपने हड़ताली सहयोगियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार द्वारा संचालित लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल और आरएमएल अस्पताल के डॉक्टरों के अलावा दिल्ली सरकार के जीटीबी अस्पताल, डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल, संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल और डीडीयू अस्पताल के डॉक्टरों ने काम का बहिष्कार किया और विरोध प्रदर्शन किया।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और रेजिडेंट डॉक्टरों के विभिन्न संघों (आरडीए) के आह्वान पर शुक्रवार को दिल्ली के अधिकतर अस्पताल के डाक्टर पश्चिम बंगाल के हड़ताली डॉक्टरों के समर्थन में देशव्यापी आंदोलन में शामिल हुए थे। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) के अध्यक्ष सुमेध संदनशिव ने कहा कि कई अस्पताल शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सके क्योंकि उन्होंने प्रोटोकॉल के अनुसार सरकार को 24 घंटे की अग्रिम सूचना नहीं दी थी। इसलिए, वे शनिवार को बंद का आयोजन कर रहे हैं।