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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में एक जूनियर डॉक्टर से मारपीट के बाद शुरू हुए विवाद और डॉक्टरों की हड़ताल के बीच राज्य भर के 3०० से अधिक डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बिना शर्त माफी की मांग को लेकर शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया। कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल के 175 डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले आर जी कर अस्पताल के 95 डॉक्टरों ने एक साथ इस्तीफा दिया था। उन्होंने चेतावनी दी थी कि मुख्यमंत्री गुरुवार को एसएसकेएम के दौरे के दौरान डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर की गयी टिप्पणी के लिए बिना शर्त माफी मांगे अन्यथा वे एक साथ नौकरी छोड़ देंगे।

 ममता बनर्जी ने कल हड़ताली डॉक्टरों को चार घंटे के भीतर काम पर लौटने अथवा उनके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी। उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि हड़ताली डॉक्टरों के बीच बाहरी लोग भी शामिल हैं। एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में राज्य में सोमवार से शुरू हुए इस विवाद के बाद अस्पताल के प्रिंसिपल के इस्तीफे के बाद सागर दत्ता अस्पताल के 18 वरिष्ठ डॉक्टरों और नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के कई डॉक्टरों ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया।

राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी मंगलवार से ही प्रभावित है। इस बीच एनआरएस के डॉक्टरों ने एक विज्ञप्ति जारी कर सुश्री बनजीर् को अस्पताल आने, अपने बयान के लिए माफी मांगने, 21 जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ दायर आरोप पत्र वापस लेने और सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे डॉक्टरों की सुरक्षा का लिखित आश्वासन देने की मांग की है।

राज्य के विभिन्न हिस्सों से डॉक्टरों के इस्तीफे की रिपोर्ट आ रही हैं। डॉक्टरों के मंच 'डॉक्टर्स फोरम' ने जूनियर डॉक्टरों के साथ एकजुटता जताते हुए प्रदर्शन मार्च में हिस्सेदारी ली। बुद्धिजीवी और कलाकार भी डॉक्टरों के साथ खड़े हैं और सुश्री बनजीर् से सियालदह स्थित अस्पताल का दौरा करने की अपील की है।

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