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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में डॉक्टर के ऊपर हुए हमले के खिलाफ में पिछले कुछ दिनों से चल रहा आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के हड़ताल को देश के विभिन्न इलाकों से अन्य डॉक्टरों का समर्थन मिल रहा है। इधर बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से संपर्क साधने की कोशिश की है, मगर अब तक उनसे संपर्क नहीं हो पाया है। यह जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने दी है।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने कहा कि 'मैंने मुख्यमंत्री से संपर्क करने की कोशिश की है, मैंने उन्हें फोन किया है, इस समय तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, अगर उनका फोन आता है तो हम इस मामले पर चर्चा करेंगे। मैंने उन्हें बुलाया है, उन्हें आने दीजिए पहले।' बता दें कि बंगाल में अब तक सैकड़ों डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि पश्चिम बंगाल में आंदोलनकारी चिकित्सकों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बिना शर्त माफी मांगने की मांग की।

साथ ही आंदोलनकारियों ने चार दिनों से चल रहे अपने आंदोलन को वापस लेने के लिए राज्य सरकार के लिए छह शर्तें तय की। चिकित्सकों के इस आंदोलन ने समूचे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित कर दिया है।

जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त मंच के प्रवक्ता डॉ अरिंदम दत्ता ने कहा, ''एसएसकेएम हॉस्पिटल में कल जिस तरह से मुख्यमंत्री ने हमें संबोधित किया था, उसके लिए हम उनसे यह मांग करते हैं कि वह बेशर्त माफी मांगें। उन्हें वह नहीं कहना चाहिए था, जो उन्होंने कहा था। ममता ने बृहस्पतिवार को एसएसकेएम हॉस्पिटल का दौरा किया था, जहां उन्होंने कहा कि बखेड़ा खड़ा करने के लिए बाहरी लोग मेडिकल कॉलेजों में घुसे थे और आंदोलन माकपा एवं भाजपा की साजिश है।

आंदोलनकारियों ने छह शर्तें गिनाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को अस्पताल जाकर घायल डॉक्टरों से मिलना चाहिए और उनके कार्यालय को उन पर (डॉक्टरों पर) हुए हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा, ''हम मुख्यमंत्री के फौरन हस्तक्षेप की भी मांग करते हैं। साथ ही सोमवार रात डॉक्टरों को सुरक्षा मुहैया करने में पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ न्यायिक जांच के दस्तावेजी साक्ष्य भी मुहैया किया जाए।

गौरतलब है कि एनआरएस मेडिकल कॉलेए एंड हॉस्पिटल में सोमवार रात एक रोगी के परिवार के सदस्यों ने दो जूनियर डॉक्टरों से मारपीट की थी। दरअसल, अस्पताल में इस रोगी की मौत हो गई थी।

दत्ता ने कहा, ''हम हमलावरों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्यौरा भी देने की मांग करते हैं। उन्होंने आंदोलन के मद्देनजर जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों के खिलाफ समूचे राज्य में दर्ज किए गए झूठे मामलों और आरोपों को बेशर्त वापस लेने तथा सभी मेडिकल कॉलेजों में सशस्त्र बल के कर्मियों को तैनात करने की भी मांग की।

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