कोलकाता: पश्चिम बंगाल में जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर नए आरोप लगाए हैं। ममता ने कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल के बारे में झूठी खबरें फैला रही है। टीएमसी घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेगी। लोकतंत्र बचाओ, हमें ईवीएम नहीं चाहिए, बैलेट पर लौटो। ईवीएम पर एक तथ्य खोज समिति बननी चाहिए। ममता ने पार्टी के विधायकों और राज्य के मंत्रियों से चुनावों में तृणमूल कांग्रेस की पराजय को लेकर हुई बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि हमें लोकतंत्र बचाना है। हम मशीन नहीं चाहते, हमारी मांग है कि कागज के मतपत्र वाले युग की वापसी हो। हम एक आंदोलन प्रारंभ करेंगे और यह बंगाल से शुरू होगा।
उन्होंने कहा कि मैं सभी विपक्षी 23 राजनीतिक दलों से कहूंगी कि वे साथ आएं और बैलैट पेपर की वापसी की मांग करें। अमेरिका जैसे देश में भी ईवीएम पर प्रतिबंध लगा हुआ है। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए धन, बाहुबल, संस्थाओं, मीडिया और सरकार का इस्तेमाल किया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा, 42 लोकसभा सीटों वाले इस राज्य में वाम मोर्चे के कारण 18 सीटें जीतने में सफल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा का दावा था कि वे 23 सीटें जीतेंगे पर वे 18 ही जीत सके और वह भी वामदलों की वजह से। लेकिन हम अपना वोट शेयर चार फीसदी बढ़ाने में सफल रहे।
सियासी घमासान
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले ही बंगाल में टीएमसी और भाजपा में सियासी घमासान जोर पकड़ चुका था। मतदान के समय इसने हिंसा का रूप ले लिया। यहां सभी सातों चरणों में जमकर हिंसा हुई। चुनाव आयोग को यहां भारी संख्या में केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करना पड़ा था। 23 मई को घोषित हुए चुनाव नतीजे में भाजपा को जबरदस्त सफलता मिली। उसने 18 सीटों पर कब्जा जमाया। टीएमसी को 22 सीटें ही मिल सकीं। यहां कुल 42 लोकसभा सीटें हैं। इसके बाद भी दोनों दलों के बीच घमासान रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जहां भाजपा ने ममता बनर्जी को जय श्री राम लिखे हजारों खत भेजने का फैसला किया है, वहीं ममता ने टीएमसी कार्यकर्ताओं को आदेश दिया है कि वो भाजपा द्वारा कथित रूप से कब्जाए गए टीएमसी दफ्तरों पर दोबारा कब्जा करें। ऐसे ही एक दफ्तर का ताला तुड़वाने खुद ममता पहुंची थीं।
टीएमसी का अभियान
24 परगना के नैहाटी में ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनकी पार्टी के कार्यालय पर कब्जा कर लिया है। इसके बाद कार्यालय में बने भाजपा के कमल निशान को मिटाकर उन्होंने खुद अपनी तृणमूल पार्टी का चिह्न बनाया। कमल का निशान मिटाने के बाद ममता ने कहा कि नैहाटी का वह दफ्तर तृणमूल का ही था, जिसे लोकसभा चुनाव के बाद बैरकपुर से जीते भाजपा सांसद अर्जुन सिंह और उनके समर्थकों ने हथिया लिया था।