ताज़ा खबरें
महाराष्ट्र के नतीजे पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

पटना: बिहार की राजधानी पटना में जनता दल युनाइटेड के राष्ट्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक हुई। रविवार को बैठक का दूसरा और अंतिम दिन था। प्रदेश कार्यालय के कर्पूरी सभागार में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह समेत लगभग 250 प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने और विपक्ष को एकजुट करने पर सहमति बनी। बैठक के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि हम एक होकर लड़ेंगे तो जीतेंगे।

नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद कहा कि हमारा उद्देश्य है कि सारे क्षेत्रीय दल एक होकर और मिलकर चुनाव लड़ें। अगर ऐसा होगा तो सफलता जरूर हाथ लगेगी। उन्होंने कहा, "अगर सभी क्षेत्रीय समानताएं एक साथ आती हैं और एक साथ चुनाव लड़ती हैं, तो हमें सफलता मिलेगी। लेकिन कोई संख्या नहीं है जैसा कि मीडिया में बताया गया था।" बैठक के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा दो सीट पर थी, विपक्षी एकता के बाद जल्द ही वहीं पहुँच जाएंगे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार से शुरू होने वाले अपने दिल्ली दौरे के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि बिहार में सात पार्टियां साथ में सरकार में हैं, उनमें से चार दलों के नेता से दिल्ली में मुलाकात होगी। साथ ही विपक्ष के और भी कई बड़े नेताओं से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि वो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मिलेंगे।

वहीं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए इस महीने के अंत में बिहार आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने दो से शुरूआत की थी और अब फिर से दो पर आ जाएंगे। ललन सिंह ने यह भी दावा किया कि अगली बार 2024 में हम बिहार में 40 में से 40 सीटें जीतेंगे।

ललन सिंह ने कहा कि पिछले चुनाव में बीजेपी को देश भर से 38 फीसदी वोट मिला था, जबकि उनके विपक्ष में देश की 62 प्रतिशत जनता ने अपना मत दिया है। उन्होंने कहा कि अगर ये 62 प्रतिशत वाली पार्टी एक साथ आ जाए तो समर्थन का आंकड़ा बढ़कर 75 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख