ताज़ा खबरें
संसद में अडानी और संभल पर हंगामा,दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान

पटना: जेडीयू के नेता प्रशांत किशोर ने कांग्रेस कार्य समिति के बैठक में नागरिकता कानून और एनआरसी के बहिष्कार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने इसके लिए राहुल और प्रियंका गांधी को विशेष धन्यवाद भी दिया और साथ ही एक बार फिर आश्वासन दिया कि बिहार में एनपीआर लागू नहीं होगा। प्रशांत किशोर ने यह बात ट्विटर पर लिखी है। लेकिन उनकी यह बात इतनी सामान्य नहीं है। दरअसल उप मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कहा था कि इसकी अधिसूचना जारी हो गई है।

लेकिन प्रशांत किशोर का तर्क है कि नीतीश कुमार ने एनआरसी नहीं लागू करने की घोषणा कर दी हैं और एनपीआर, एनआरसी का पहला कदम है तो इसे लागू नहीं किया जायेगा। जनता दल यूनाइटेड के नेताओं का कहना है कि प्रशांत के इस ट्वीट ने नीतीश कुमार की मुश्किल भी बढ़ा दी है क्योंकि अगर वह एनपीआर लागू नहीं करते हैं। तो भाजपा नाराज हो जाएगी और लागू करेंगे तो कुर्सी के लिए एक कदम आगे चलकर दो कदम पीछे जाने की उनकी चाल उजागर होगी और उन पर पहले से ही यूटर्न के आरोप लग रहे हैं।

फिलहाल अब देखना यह होगा कि नीतीश कुमार का फैसला क्या होता है। क्योंकि पार्टी के दो और वरिष्ठ नेता ललन सिंह और आरसीपी सिंह ने कई बार कहा है कि नागरिकता, एनपीआर और एनआरसी पर भ्रम फैलाने की कोशिश है। फिलहाल अब सबकी नजरें राजगीर में होने वाली जेडीयू की बैठक पर टिकी हैं। लेकिन इतना तो तय है कि जैसे-जैसे बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी का मुद्दे मामलों को दिलचस्प बना रहे हैं। एक और प्रशांत किशोर की बातें जेडीयू के नेताओं को भी पसंद नहीं आ रही हैं तो सहयोगी दल भाजपा भी बेचैन हो रही है। वहीं सीएम नीतीश कुमार चुप्पी साधे हुए हैं और मुस्कराते हुए यही कहते हैं कि 'सब ठीक है।'

आपको बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी(एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर-2020 (एनपीआर) का खुलकर विरोध कर रही कांग्रेस जल्द ही इन मुद्दों के साथ विश्वविद्यालय परिसरों में छात्रों पर हमले, आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और महिला सुरक्षा जैसे जनहित के मुद्दों को लेकर व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाएगी और नरेन्द्र मोदी सरकार को घेरेगी। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक शनिवार को हुई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में यह कहा गया कि मोदी सरकार के खिलाफ पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जनता के बीच जाएं और इन मुद्दों को लेकर सरकार की नीतियों को बेनकाब करें।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख