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पटना: जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के महासचिव ख्वाजा शाहिद ने अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्टैंड को देखते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया है। ख्वाजा शाहिद सीएए के विरोध में थे और नीतीश कुमार ने इस कानून पर चुप्पी साध रखी है। शाहिद जदयू के अल्पसंख्यक सेल के महासचिव थे। वह सीएए के मुद्दे पर जदयू से इस्तीफा देने वाले मुस्लिम नेता हैं।

गौरतलब है कि लोकसभा और राज्यसभा में जदयू ने सीएए के पक्ष में वोट किया था। इसके बाद पूरे देश में करीब एक हफ्ते तक सीएए के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शनों का दौर चला। प्रदर्शनकर्ता उग्र हुए, पत्थरबाजी और आगजनी भी की। इसके बाद एक कार्यक्रम के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्लिम समुदाय को आश्वस्त करते हुए कहा था कि वह उनके साथ किसी भी प्रकार की ज्यादती नहीं होने देंगे। उन्होंने गारंटी ली थी कि राज्य की सत्ता में जब तक उनकी पार्टी है मुसलमानों के साथ कुछ भी गलत नहीं होगा।

इससे पहले जदयू लीडर प्रशांत किशोर ने सीएए का विरोध करते हुए नीतीश कुमार को अपना इस्तीफा सौंप दिया था जिसे स्वीकार नहीं किया गया। ख्वाजा शाहिद कटिहार जिले के रहने वाले हैं। शाहिद के इस्तीफे के प्रश्न पर जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष तनवीर अख्तर ने कहा, 'उनके चले जाने से प्रकोष्ठ पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। पार्टी में उनके जैसे सैकड़ों पदाधिकारी हैं, जो मजबूती से हमलोग के साथ खड़े हैं।'

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