पटना: राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से शिवानंद तिवारी ने छुट्टी ली है। मंगलवार को फेसबुक पोस्ट कर उन्होंने यह जानकारी साझा की। इसका कारण उन्होंने संस्मरण लिखना बताया है। हालांकि राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि वे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के रुख से नाराज चल रहे थे। लोकसभा चुनाव के बाद तेजस्वी लंबे समय तक राजनीतिक गतिविधयों से दूर रहे। यहां तक कि बिहार विधानमंडल के सत्र में भी गायब रहे। इस पर शिवानंद तिवारी ने कई बार अपनी नाराजगी जाहिर की।
राजद नेताओं के अनुसार शिवानंद तिवारी चाहते थे कि चुनाव परिणाम से घबराने के बजाए राजद को लोगों के बीच जाना चाहिए। पटना के जलजमाव में भी नेता प्रतिपक्ष गायब रहे। लगातार अपनी बात कहने के बावजूद राजद नेताओं की गतिविधियों में सुधार नहीं होने के कारण ही शिवानंद ने फिलहाल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से छुट्टी ली है। संभव है कि आने वाले समय में वे इससे भी बड़ा कदम उठाएं। उल्लेखनीय है कि शिवानंद तिवारी राज्य के वरिष्ठ समाजवादी नेता हैं। बक्सर के शाहपुर से 1996 में वे पहली बार विधायक बने।
लालू-राबड़ी सरकार में 2000-2005 के बीच उत्पाद मंत्री रहे। बाद में जदयू में शामिल हुए और 2008 में राज्यसभा सांसद बने। जदयू से मतभेद होने के बाद उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया। लेकिन लालू प्रसाद के अनुरोध पर वे फिर राजद में शामिल हुए थे।
राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा, थकान अनुभव कर रहा हूं। शरीर से ज़्यादा मन की थकान है। संस्मरण लिखना चाहता था, वह भी नहीं कर पा रहा हूं। इसलिए जो कर रहा हूं, उससे छुट्टी पाना चाहता हूं। संस्मरण लिखने का प्रयास करूंगा। लिख ही दूंगा, ऐसा भरोसा भी नहीं है। लेकिन प्रयास करुंगा। इसलिए राजद की ओर से जिस भूमिका का निर्वहन अब तक मैं कर रहा था उससे छुट्टी ले रहा हूं।