पटना: जदयू-भाजपा नेताओं में चल रही बयानबाजी के बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दो टूक कहा है कि अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। मीडिया में कई तरह की खबरें चलती रहती हैं, लेकिन कोई भ्रम न पाले। विधानसभा चुनाव में एनडीए के नेता नीतीश कुमार ही होंगे। गौरतलब है कि कुछ भाजपा नेताओं के बयानों पर राज्य की एनडीए सरकार में साझीदार जदयू ने एतराज जताया था।
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा ने रविवार को कहा था कि भाजपा के मंत्री, विधान पार्षद और कार्यकर्ताओं द्वारा गठबंधन विरोधी जो बयान आ रहे हैं, उस पर भाजपा को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। यहां तक कह दिया था कि भाजपा अगर बिहार में अकेले विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहती है तो लड़ ले। उधर, भाजपा ने भी रविवार को ही अपने विधान पार्षद सच्चिदानंद राय को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनके बयानों को दल की मर्यादा व एनडीए गठबंधन के खिलाफ बताया था।
बिहार भाजपा अनुशासन समिति के अध्यक्ष अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने 10 दिनों के भीतर सच्चिदानंद राय से जवाब मांगा है।
सोमवार को विधानसभा की दूसरी पाली में विनियोग विधेयक पर सरकार का जवाब देने के दौरान उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीए गठबंधन को लेकर हर दिन कयासबाजी की जा रही है। विधानसभा के माध्यम से बिहार की जनता को संदेश देना चाहता हूं कि एनडीए अटूट है। इसे कोई खतरा नहीं है। मीडिया में चल रहीं खबरों पर जनता विश्वास नहीं करे।
मोदी ने बिना नाम लिए राजद पर तंज कसा कि छेद ही छेद वाली डूबती नाव पर कौन सवार होगा। विपक्ष बार-बार 15 साल के शासन की बात नहीं करने की दुहाई देता है। उनके 15 साल और एनडीए के 15 साल होने वाले हैं। जनता तय करेगी कि उनका 15 साल का शासन कैसा था और हमारा यानी एनडीए का शासन कैसा रहा। किसके शासन में बिहार की क्या स्थिति रही, किसने विकास किया और किसने जाति के नाम पर सत्ता का दुरुपयोग किया।
तेजस्वी पर साधा निशाना
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 17 दिन से सदन चल रहा है। वह एक दिन भी सदन में कुछ नहीं बोले। संसदीय इतिहास में संभवत: यह पहला मौका होगा जब नेता विपक्ष ने विधानसभा में एक शब्द नहीं कहा। क्या कोई इतने दिन तक विधानसभा से गैरहाजिर रह सकता है? इसका प्रावधान है या नहीं, यह विधानसभा अध्यक्ष देखेंगे। नेता प्रतिपक्ष बीमार हैं या पटना में हैं, विधानसभा को इसकी सूचना दी है या नहीं, यह भी देखने लायक होगा। अब तक कुछ नहीं बोलने वाले दो-चार दिनों के बाकी सत्र में कुछ कहते हैं या नहीं, यह देखने लायक होगा।