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पटना: बिहार के 12 जिलों में आई बाढ़ से अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 25 लाख 66 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग से सोमवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बिहार के 12 जिलों- शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार- में 24 लोगों की मौत होने के साथ 25 लाख 66 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है। बिहार में बाढ़ से मरने वाले 24 लोगों में सीतामढ़ी में 10, अररिया में 9, किशनगंज में 4 और शिवहर के एक व्यक्ति शामिल हैं।

बिहार के बाढ़ प्रभावित इन 12 जिलों में कुल 196 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं जहां 1,06,953 लोग शरण लिए हुए हैं। उनके भोजन की व्यवस्था के लिए 644 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है। बाढ़ प्रभावित इलाके में राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 26 टीमों को लगाया गया है तथा 125 मोटरबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अररिया जिले के फारबिसगंज, सिकटी, पलासी और जोकिहाट, किशनगंज जिले के ठाकुरगंज, कोचाधामन एवं टेढ़ागाछ, कटिहार जिले के बलरामपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का विस्तृत हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। हवाई सर्वेक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने पूर्णिया जिले के चूनापुर हवाई अड्डे पर पूर्णिया, अररिया, कटिहार एवं किशनगंज जिले के जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ व बचाव और राहत कार्य की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित सभी क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य तेज करने तथा ग्रामीण कार्य विभाग एवं पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव और सचिव को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लेने का निर्देश दिया। उन्होंने बाढ़ के कारण संपर्क से कटे हुए स्थानों से संपर्क तुरंत बहाल करने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सोमवार को दोपहर में दरभंगा, मधुबनी, शिवहर व सीतामढ़ी के जिलाधिकारी को अपने जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के लिए भेजा गया। मुख्यमंत्री ने आवश्यक्तानुसार राहत शिविरों और सामुदायिक रसोई की समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।

उन्होंने भोजन की गुणवता, शुद्ध पेयजल और साफ-सफाई पर समुचित ध्यान रखने का भी निर्देश दिया है। नीतीश ने मानव एवं पशुओं के लिए दवा की समुचित व्यवस्था के साथ-साथ पशुओं के लिए चारा इत्यादि की भी समुचित व्यवस्था के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री पूरी स्थिति पर स्वयं नजर बनाए हुए हैं और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावकारी कार्रवाई की जा रही है।

नीतीश के हवाई सर्वेक्षण के दौरान मुख्य सचिव दीपक कुमार, जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव अरूण कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार भी साथ थे। मुख्यमंत्री ने रविवार को दरभंगा जिले के रसियारी घनश्यामपुर, मधुबनी जिले के झंझारपुर, नरूवार, जयनगर व रीगा, सीतामढ़ी जिले के ढेंग व बैरगनिया, पूर्वी चम्पारण जिले के बेलवा और शिवहर जिले के पिपराही बाजार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था व अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे।

केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक गंडक नदी, जिसका जलस्तर आज सुबह डुमरियाघाट में खतरे के निशान से 40 सेमी ऊपर था, के जलस्तर में कल सुबह 33 सेमी कमी होने की संभावना है। बागमती नदी, जिसका जलस्तर आज सुबह ढेंग ब्रिज में खतरे के निशान से 134 सेमी उपर था, के जलस्तर में कल सुबह 11 सेमी वृद्धि होने की संभावना है। बागमती नदी, जिसका जलस्तर आज सुबह रून्नीसैदपुर में खतरे के निशान से 391 सेमी उपर था, के जलस्तर में कल सुबह 79 सेमी कमी होने की संभावना है। बागमती नदी, जिसका जलस्तर आज सुबह बेनीबाद में खतरे के निशान से 40 सेमी उपर था, के जलस्तर में कल सुबह 8 सेमी कमी होने की संभावना है।

कमला बलान नदी, जिसका जलस्तर आज सुबह जयनगर में खतरे के निशान से 107 सेमी उपर था, के जलस्तर में कल सुबह 48 सेमी वृद्धि होने की संभावना है। कमला बलान नदी, जिसका जलस्तर आज सुबह झंझापुर में खतरे के निशान से 151 सेमी उपर था, के जलस्तर में शाम तक 21 सेमी कमी होने की संभावना है।

कोसी नदी, जिसका जलस्तर आज सुबह बसुआ में खतरे के निशान से 126 सेमी उपर था, के जलस्तर में रात्रि दस बजे तक 27 सेमी कमी होने की संभावना है। कोसी नदी, जिसका जलस्तर सोमवार सुबह बलतारा में खतरे के निशान से 130 सेमी उपर था, के जलस्तर में कल सुबह 50 सेमी वृद्धि होने की संभावना है।

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