भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस को एक और झटका लगा है। अब छतरपुर जिले की बड़ामलहरा सीट से विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। मुख्यमंत्री निवास पर सीएम शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उन्हें मिठाई खिलाई। इसके पीछे का कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद से लोधी के करीबियों के निशाने पर लिया जाना बताया गया। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के और विधायक भी पार्टी छोड़ सकते हैं। ऐसे में उपचुनाव को लेकर मध्यप्रदेश में सियासी घमासान बढ़ गया है। इससे पहले मार्च में 22 कांग्रेस विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे।
बड़ामलहरा से जीते थे चुनाव
दिसंबर 2018 में विधानसभा चुनाव में कुंवर प्रद्युम्न सिंह लोधी (मुन्ना भैया) ने भाजपा प्रत्याशी ललिता यादव को शिकस्त दी थी। 2003 में पहली बार उमा भारती मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं तब वह बड़ामलहरा सीट से ही विधायक चुनी गईं थीं।
पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती के बंगले पर पहुंचे
प्रद्युम्न प्रद्युम्न सिंह भाजपा में शामिल होने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती के बंगले पर पहुंचे। यहां बातचीत होने के बाद वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिले। सीएम ने मिठाई खिलाकर पार्टी में उनका स्वागत किया। अब उनके मंत्री बनाए जाने के कयास भी लगाए जाने लगे हैं। क्योंकि, मंत्रिमंडल विस्तार के बाद उमा भारती ने बुंदेलखंड और लोधी समाज की अनदेखी के आरोप लगाए थे। इसी को देखते हुए अब उनके मंत्री बनने की संभावना ज्यादा बढ़ गई है।
यह विधायक पहले छोड़ चुके हैं कांग्रेस
इमरती देवी, राजवर्धन सिंह, रक्षा सरोनिया, महेंद्र सिंह सिसोदिया, ओपीएस भदौरिया, रनवीर जाटव, गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, रघुराज सिंह कंसाना, गिराज दंडोतिया, मुन्नालाल गोयल, जसमंत, मनोट चौधरी, ऐदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह, प्रभुराम चौधरी, जजपाल सिंह, सुरेश धाकड़, कमलेश जाटव, तुलसी सिलावट, बृजेंद्र सिंह यादव और हरदीप सिंह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में 23 मार्च को आए थे।
दो सीटें विधायकों के निधन होने से रिक्त
मुरैना जिले की जौरा सीट से कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा का 21 दिसंबर 2019 को निधन हो गया था। इसी साल 30 जनवरी को आगर-मालवा से भाजपा विधायक मनोहर ऊंटवाल का भी बीमारी के कारण निधन हो गया।
20 मार्च को सरकार गिरी, 23 मार्च को शिवराज चौथी बार सीएम बने
सिंधिया समर्थक 6 मंत्रियों समेत 22 विधायकों के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद 20 मार्च को कमलनाथ को इस्तीफा देना पड़ा था और 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिर गई थी। 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। प्रद्युम्न सिंह लोधी के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस के पास अब सिर्फ 91 विधायक हैं।