नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने मध्य प्रदेश में व्यापमं घोटाले में धन शोधन जांच के सिलसिले में दो आरोपियों की 10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है। श्री अरविन्दो चिकित्सा विज्ञान संस्थान (एसएआईएमएस) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनोद भंडारी तथा घोटाले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता डॉ. जगदीश सिंह सागर की संपत्तियों की अस्थायी कुर्की का आदेश धन शोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत जारी किया गया है। एजेंसी ने आज कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने भंडारी एवं सागर के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। उन पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने व्यापमं द्वारा आयोजित मेडिकल पूर्व परीक्षा (पीएमटी 2012) एवं पूर्व परास्नातक परीक्षा 2012 के लिए अपने सहायकों के माध्यम से विभिन्न छात्रों से चयन के वास्ते भारी राशि संदिग्ध तरीकों से एकत्र की। एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच में पाया गया कि भंडारी के बैंक खातों में बडी धन राशि जमा करवाई गई। उसने कहा, 'वह जांच के दौरान इन जमा के बारे में स्पष्टीकरण नहीं दे पाए।
इन नकद राशियों को उनके समूह की कंपनियों और उनके परिजनों के नामों वाले विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया। इसके अनुसार एसएआईएमएस के समीप नौ करोड़ रुपये के बाजार मूल्य वाली 15 करोड़ रुपये मूल्य की भूमि को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत कुर्क किया गया है।' इसमें कहा गया कि इसी प्रकार सागर एवं उसके परिजनों द्वारा खरीदी गई कई अचल संपत्तियों की पहचान की गई है। वह बैंक खातों में जमा कराई गई नकद राशि के बारे में भी कुछ बता नहीं पाए, जिसका इस्तेमाल विभिन्न संपत्तियों को खरीदने के लिए किया गया। इसमें कहा गया, 'इस कारण भिंड में 17 एकड़ जमीन और इंदौर में 135 वर्ग मीटर आवासीय संपत्ति को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत जब्त किया गया है, जिसका बाजार मूल्य 1.70 करोड़ रुपये है।'