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भोपाल: मध्य प्रदेश के खुरई विधानसभा क्षेत्र से बड़ी संख्या में सागर पहुंची संदिग्ध ईवीएम मशीनों को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। मतदान खत्म होने के 48 घंटे बाद पहुंची इन मशीनों की जानकारी मिलते ही सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसियों ने जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर सागर के कार्यालय की घेराबंदी कर ली। बिना नंबर के जिस स्कूल वाहन में यह ईवीएम मशीनें पहुंची हैं उसके लिए कोई भी जिम्मेदार अधिकारी साफ-साफ जवाब नहीं दे रहा है।

आरोप है कि चुनाव में गड़बड़ी की मंशा से यह मशीनें गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के दीपाली होटल में लाकर रखी हुई थीं और यहां से उन में गड़बड़ी करते हुए गुपचुप ढंग से स्ट्रांग रूम में जमा कराया जा रहा था, लेकिन कांग्रेसियों की सजगता के चलते उनका यह प्रयास विफल कर दिया गया। घटना की सूचना पूरे शहर में आग की तरह फैल गई।

इसके बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव गोविंद सिंह राजपूत, जिला कांग्रेस अध्यक्ष रेखा चौधरी व हीरासिंह राजपूत, खुरई विधानसभा से प्रत्याशी अरुणोदय चौबे, नरयावली विधानसभा से प्रत्याशी तथा प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी समेत हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के आसपास डेरा डाल चुके हैं।

कांग्रेसियों की मांग है कि इन मशीनों का भौतिक सत्यापन उनके सामने कराया जाए तथा इन मशीनों को मतगणना समाप्त होने तक अलग रखा जाए। साथ ही इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त करते हुए अपराधिक मामला दर्ज किया जाए।

दूसरी तरफ, इस पूरे मामले में प्रशासन का कहना है कि यहां पहुंची ईवीएम मशीन रिजर्व कैटिगरी की थीं, जो स्टाफ की कमी के कारण सागर में बनाए गए स्ट्रांग रूम के वेयरहाउस में निर्धारित समय पर नहीं पहुंचाई जा सकीं। प्रशासन ने घटना की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। मशीनों को कांग्रेस के प्रतिनिधियों के सामने जांच के बाद कलेक्टर कार्यालय में बने ट्रेजरी के स्ट्रांग रूम में रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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