भोपाल: मध्यप्रदेश में मंदसौर गोलीकांड की बरसी पर किसान संगठनों ने 1 से 10 जून तक आंदोलन करने की घोषणा की गई है। मध्य प्रदेश में 2 अक्टूबर को भारत बंद के दौरान भड़की हिंसा को मद्देनजर रखते हुए शिवराज सरकार प्रस्तावित किसान आंदोलन को लेकर अलर्ट हो गई है। इसी बीच किसान आंदोलन को लेकर सरकार के सामने आई नई इंटेलिजेंस रिपोर्ट ने सरकार की नींद उड़ा दी है। नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि किसान आंदोलन सांप्रदायिक रंग ले सकता है। इस रिपोर्ट के बाद अगर ऐसा होता है तो चुनावी साल में प्रदेश की शांति भंग हो सकती है। किसान आंदोलन की आड़ में असामाजिक तत्व साम्प्रदायिक हिंसा फैला सकते हैं। रमजान के चलते सरकार के हाथ पैर फूले हुए हैं।
आईजी इंटेलिजेंस मकरंद देउस्कार ने कहा कि सभी एसपी को साम्प्रदायिक हिंसा के लिए अलर्ट किया गया है। वहीं भाजपा का कहना है कि वे किसानों से किसान संगठनों के बहकावे में न आने की अपील करेंगे। गौरतलब है की कांग्रेस ने 6 जून को मंदसौर में मृतक किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए राहुल गांधी की की सभा आयोजित की है।
आपको बता दें कि बीते साल किसान आंदोलन के दौरान 6 किसानों की मौत हो गई थी। मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा है कि किसान संगठनों के आंदोलन में हिंसा जैसी स्थिति से बचने के लिए सरकार ने सभी मंत्रियों, विधायकों, सांसदों, भाजपा पदाधिकारियों को प्रदेश में अपने प्रवास के दौरान किसानों से आंदोलन में शामिल नहीं होने की अपील करने को कहा है।
भाजपा का कहना है कि प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन कांग्रेस किसानों भड़का कर माहौल बिगाड़ना चाहती है। वहीं इंटेलीजेंस की रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासन ने होशंगाबाद, हरदा, नरसिंहपुर, मंदसौर, नीमच, इंदौर, धार, उज्जैन, देवास, शुजालपुर, आगर-मालवा, रतलाम, खंडवा, खरगौन को अतिसंवेदनशील इलाकों की लिस्ट में रखा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मालवा-निमाड़ इलाके में ग्रामबंद का व्यापक असर हो सकता है।