इन्दौर: मध्यप्रदेश के देवास स्थित बैंक नोट मुद्रणालय से लाखों रुपये चोरी होने का मामला सामने आया है। चोरी एक अधिकारी कर रहा था। उसके पास से 90 लाख रुपये से अधिक की करेंसी पुलिस ने जब्त की है।अधिकारी पिछले 3 महीने से जुते और जरकिन में नोट छुपा कर ले जाता था। वही इस घटना के उजागर होने के बाद से दिल्ली तक में हडकम्प मचा हुआ है। वित्त मंत्रालय ने भी जांच शुरु कर दी है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवास अनिल पाटीदार ने बताया कि शुक्रवार की सुबह मुद्रणालय की सुरक्षा करने वाली एजेंसी सीआईएसएफ के अधिकारियों ने वरिष्ठ निरीक्षक मनोहर वर्मा को नोट चुराते हुए रंगें हाथों पकडा। इस मामले की सूचना बीएनपी थाने पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही थाने पुलिस के अधिकारी बैंक नोट के परिसर में पहुंचें। वहाँ वर्मा के ऑफिस की तलाशी ली गई तो 26 लाख 93 हजार रुपये मिले। जिन्हें जब्त कर लिया गया।
पुलिस अधिकारी ऑफिस की तलाशी के बाद साकेत नगर स्थित उनके आवास पहुंची। जहाँ से 64 लाख 50 हजार रुपये जब्त किये गयें। जब्त रुपये 500 और 200 के के। पुलिस ने बताया कि वर्मा नोट वेरीफिकेशन युनिट में पदस्थ था।
पिछले तीन माह से वह अपने जुतों और जरकिन में नोट छुपा कर ले जा रहा था। सीआईएसएफ के अधिकारियों को उस रुपये चोरी करने का संदेह हुआ तो अपनी गुप्तचर युनिट को उसके पीछे लगाया।वही परिसर में लगे कैमरे को उस पर फिक्स किया तो मामला सामने आया।सबसे बडा सवाल अब सुरक्षा को लेकर उठाये जा रहे है।वर्मा 1984 में एलडीसी पर पदस्थ हुआ था।घटना के बाद मध्य प्रदेश से लेकर केंद्र के वित्त मंत्रालय तक हडकंप मच गया हैं।केन्द्रीय वित्त मंत्री के सचिव भी इस मामले पर अपनी निगाहे रखे हुए हैं। सेंट्रल से भी एक प्रतिनिधी मंडल जाँच के लिए ताबड़तोड़ एक विशेष प्लाइट से देवास पहुंचा है। पुलिस ने अभी वर्मा के खिलाफ चोरी का प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।जांच जारी है।