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मुंबई: भारत छोड़ो आंदोलन की प्लैटिनम जुबली मना रही महाराष्ट्र सरकार ने विभिन्न सामाजिक बुराइयों से लड़ने और ‘सुराज’ लाने के लिए ‘भारत छोड़ो आंदोलन द्वितीय’ की शुरूआत की। इस संबंध में मंगलवार को यहां के ऐतिहासिक अगस्त क्रांति मैदान में आयोजित समारोह में केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू और मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस उपस्थित थे। इसी मैदान से महात्मा गांधी ने 1942 में ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन का आह्वान किया था। नायडू ने कहा कि आज स्वतंत्रता के 68 वषरें बाद लोगों को उसी धर्य, उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ कई सामाजिक एवं अन्य बुराइयों को ‘छोड़ना’ चाहिए और भारत को नई उंचाईयों पर ले जाना चाहिए। मंत्री ने कहा कि हमें निरक्षरता, भेदभाव, अलगाववाद और वैमनस्य, आतंकवाद और देशद्रोह को ‘भारत छोड़ो’ कहने की जरूरत है ताकि देश को ‘स्वराज’ से ‘सुराज’ की तरफ ले जाया जा सके। उन्होंने कहा कि गरीबी का देश से उन्मूलन करना है। उन्होंने कहा कि सभी को शिक्षा देना, रोजगार का सृजन करना, कल्याण योजनाओं के साथ विकास करना वृहद् ‘गरीबी उन्मूलन’ अभियान का हिस्सा है और हर भारतीय को इस सिलसिले में सरकार के प्रयासों में साथ देना चाहिए। ‘अंत्योदय’ आगे का रास्ता है। नायडू ने कहा कि देश को सभी मोर्चे पर तेजी से प्रगति करने के लिए, समाज के हर तबके को जाति, धर्म, क्षेत्र से उपर उठकर विकास का हिस्सा बनना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे के पीछे भी यही उद्देश्य है।

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