मुंबई: महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार की चर्चा के बीच उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कल यानी गुरुवार देर रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की। शिंदे की नाराजगी की खबरों के बीच यह मुलाकात अहम बताई जा रही है। सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने पावर शेयरिंग को लेकर चर्चा की।
इससे पहले दावा किया जा रहा था कि शिवसेना शिंदे गुट सरकार में एनसीपी की एंट्री से नाखुश है और सीएम जल्द ही इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि, खुद सीएम ने इसका खंडन करते हुए कहा था कि मेरी मुख्यमंत्री पद छोड़ने की कोई योजना नहीं है। यह सब अफवाहें हैं और मुझे यह भी पता है कि इसके पीछे कौन है?
नाराजगी और इस्तीफे की अटकलों पर इस बीच शिवसेना नेता उदय सामंत ने कहा था कि हम इस्तीफा देने वाले नहीं, बल्कि लेने वाले हैं। शिंदे का नेतृत्व सभी को साथ लेकर चलने और धैर्य रखने का है। सभी विधायकों, सांसदों ने एकनाथ शिंदे पर भरोसा जताया है। यह सब एकनाथ शिंदे की छवि खराब करने के लिए किया जा रहा है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में टूट के बाद दिल्ली में शरद पवार के आवास पर कार्यसमिति की बैठक हुई। इस दौरान उन्होंने एलान किया कि वह ही पार्टी के अध्यक्ष हैं। उन्होंने अपने भतीजे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के रिटायरमेंट संबंधी बयान पर भी किया। उन्होंने कहा कि वह चाहे 82 वर्ष के हों या 92 वर्ष के अभी भी अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं। पार्टी कार्यसमिति ने शरद पवार पर भरोसा जताया और अजित पवार और आठ अन्य विधायकों, सांसद प्रफुल्ल पटेल तथा सुनील तटकरे को निष्कासित करने संबंधी उनके फैसले का समर्थन किया।
राहुल ने की पवार से मुलाकात
इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राकांपा से जुड़े संकट के बीच शरद पवार से मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो शरद पवार के आवास पर इस मुलाकात के दौरान राहुल गांधी ने उनके साथ एकजुटता प्रकट की। पार्टी में टूट के बाद किसी राष्ट्रीय नेता की शरद पवार से यह पहली मुलाकात थी। विपक्षी नेताओं सोनिया गांधी, एमके स्टालिन और ममता बनर्जी सहित अन्य ने पवार को फोन कर एकजुटता व्यक्त की थी।
शरद पवार की बैठक कोई कानूनी वैधता नहीं: अजित गुट
इस बीच अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने कहा कि शरद पवार की ओर से बुलाई गई राकांपा कार्यसमिति की बैठक की कोई कानूनी वैधता नहीं है। राकांपा के निर्वाचित प्रतिनिधियों के बहुमत के साथ-साथ विभिन्न संगठनात्मक पदों पर काम करने वाले सदस्यों के भारी समर्थन से अजित पवार को 30 जून 2023 को राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। मामले में निर्वाचन आयोग के समक्ष एक याचिका भी दायर की है जिसमें कहा गया है कि वह मूल राकांपा का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसलिए पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह उन्हें दिया जाए।
शरद पवार ने किया पलटवार
हालांकि, शरद पवार ने कार्यसमिति की बैठक की कानूनी वैधता पर अजित गुट द्वारा उठाए गए सवालों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कार्यसमिति की यह बैठक संविधान के मुताबिक हुई है। अगर किसी ने कुछ कहा है तो इसमें कोई सच्चाई नहीं है या इसका कोई मतलब नहीं है।
42 से 43 विधायकों ने अजित पवार का समर्थन किया: भुजबल
राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने दावा किया है कि पार्टी के 42 से 43 विधायकों ने अजित पवार के समर्थन में हलफनामे पर हस्ताक्षर किए हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में राकांपा के 53 सदस्य हैं।
नाराजगी और इस्तीफे की अटकलों पर इस बीच शिवसेना नेता उदय सामंत ने कहा था कि हम इस्तीफा देने वाले नहीं, बल्कि लेने वाले हैं। शिंदे का नेतृत्व सभी को साथ लेकर चलने और धैर्य रखने का है। सभी विधायकों, सांसदों ने एकनाथ शिंदे पर भरोसा जताया है। यह सब एकनाथ शिंदे की छवि खराब करने के लिए किया जा रहा है।