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मुंबई: शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने रविवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को हटाने की मांग की। उन्होंने कोश्यारी द्वारा एक बयान में छत्रपति शिवाजी महाराज को एक "पुराने जमाने के आदर्श" बताने पर यह मांग की। राउत ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की भी मांग की। मीडिया से बात करते हुए राउत ने शिंदे से पूछा कि क्या उनके पास "स्वाभिमान" है, जिसका उन्होंने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करते समय हवाला दिया था?

संजय राउत की टिप्पणी भगत सिंह कोश्यारी द्वारा शनिवार को मराठा शासक को "पुराने जमाने का" कहने पर उपजे विवाद के बाद आई है। इस मुद्दे पर चुप रहने पर महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करते हुए संजय राउत ने कहा, "राज्यपाल ने एक वर्ष में चार बार शिवाजी महाराज का अपमान किया है, फिर भी सरकार चुप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह शिवाजी महाराज को आदर्श मानते हैं और उनके राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि शिवाजी महाराज ने औरंगजेब से पांच बार माफी मांगी। क्या यह भाजपा का आधिकारिक रुख है?

उन्होंने कहा, भाजपा को महाराष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए और राज्यपाल को तुरंत हटा देना चाहिए।"

भाजपा पर खुलेआम शिवाजी महाराज का अपमान करने का आरोप लगाते हुए संजय राउत ने एकनाथ शिंदे से मुख्यमंत्री पद छोड़ने को कहा।

उन्होंने कहा, "मैं हैरान हूं कि जिस मुख्यमंत्री ने स्वाभिमान का नारा दिया, शिवसेना को तोड़कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई.. आपका स्वाभिमान अब कहां चला गया? बीजेपी खुलेआम शिवाजी महाराज का अपमान कर रही है। आपको इस्तीफा दे देना चाहिए।" उन्होंने कहा, ''अगर शिवाजी महाराज के लिए आपके मन में कोई सम्मान है, तो आप उनके साथ सरकार में क्यों हैं?"

संजय राउत ने शनिवार को भी भाजपा पर कटाक्ष किया था। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी वीर सावरकर के खिलाफ राहुल गांधी की टिप्पणी का विरोध कर रही है। उन्हें अब राजभवन के खिलाफ विरोध करना चाहिए।

राउत ने कहा, "उनका बयान महाराष्ट्र और शिवाजी महाराज का अपमान है। वीर सावरकर के खिलाफ राहुल गांधी की टिप्पणी के खिलाफ भाजपा विरोध प्रदर्शन कर रही है, वे जूते मार रहे हैं। अब जूते राजभवन में जाने चाहिए। जहां से शिवाजी महाराज के खिलाफ टिप्पणी की जा रही है। तभी आप महाराष्ट्र के बेटे हैं, अन्यथा आप नकली हैं।"

औरंगाबाद में डॉ बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में एक समारोह को संबोधित करते हुए, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा था - ''हम जब पढ़ते थे, मिडिल में, हाईस्कूल में तो हमारे टीचर पूछते थे - 'हू इज योर फेवरेट हीरो?' आपका फेवरेट लीडर कौन है? तो हम लोगों में से उस समय किसी को सुभाषचंद्र बोस, किसी को नेहरू जी और किसी को गांधी जी अच्छे लगते थे। मुझे ऐसा लगता है कि यदि कोई आपसे कहे कि 'हू इज योर आइकॉन, हू इज योर फेवरेट हीरो', बाहर जाने की कोई जरूरत नहीं है, यहीं महाराष्ट्र में आपको मिल जाएंगे। शिवाजी तो पुराने युग की बात है, नए युग की बात बोल रहा हूं। यहीं मिल जाएंगे डॉ आंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक सब यहीं मिल जाएंगे।''

मराठा शासक पर टिप्पणी नेताओं को अच्छी नहीं लगी। उद्धव ठाकरे गुट के एक प्रवक्ता ने टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि राज्यपाल महान नेताओं का अपमान करने के लिए जाने जाते हैं। उद्धव ठाकरे गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने एक बयान में कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज न केवल हमारे देवता हैं, बल्कि हमारे प्रेरणा स्रोत भी हैं। वे हमेशा हम सभी के आदर्श रहेंगे।"

दुबे ने कहा, "राज्यपाल के बयानों के अनुसार, यहां तक कि भगवान राम और भगवान कृष्ण भी पुराने आदर्श बन गए हैं। क्या हमें अब पूजा करने के लिए नए देवताओं को ढूंढना चाहिए? राज्यपाल के बयान की कड़ी निंदा की जानी चाहिए।"
       
राज्यपाल कोश्यारी के बयान पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी शनिवार को तीखी प्रतिक्रिया दी थी। एनसीपी ने वीडियो ट्वीट करते हुए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को निशाना बनाया था। एनसीपी ने कहा, राज्य के राज्यपाल महामहिम भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र की श्रद्धा के केंद्र छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में कुछ भी बोलने की आदत हो गई है। इससे पहले भी उनके बयानों से राज्य की सामाजिक शांति भंग हो चुकी है।

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