मुंबई: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह एंटीलिया और मनसुख हिरेन हत्या मामले में एनआईए जांच का सामना कर रहे हैं। कई बार समन भेजे जाने के बावजूद परमबीर सिंह जांच आयोग के सामने पेश नहीं हुए हैं। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि वह देश छोड़कर रूस चले गए हैं। देश छोड़कर जाने की रिपोर्ट पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार उन्हें ढूंढ रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ ही हम भी उनका पता लगाने में जुटे हैं। भारत सरकार की अनुमति के बिना वह देश छोड़कर नहीं जा सकते हैं।
परमबीर सिंह के रूस चले जाने की खबरों पर पाटिल ने कहा, "केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ ही हम भी उनके ठिकाने का पता लगाने में जुटे हैं। मैंने कुछ ऐसा सुना है लेकिन एक सरकारी अधिकारी होने के कारण वह बिना सरकारी अनुमति के विदेश नहीं जा सकते हैं। हमने एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। यदि वह जाते हैं तो यह ठीक नहीं है।" उन्होंने कहा कि चाहे वह मंत्री हो, अधिकारी हो, मुख्यमंत्री हो, यहां पर सीमाएं हैं और भारत सरकार की अनुमति के बिना कोई भी देश से बाहर नहीं जा सकता है।
गृहमंत्री ने कहा, कोई भी इन सीमाओं को पार नहीं कर सकता है। क्या कार्रवाई की जा सकती है, इस पर केंद्र से चर्चा होगी। महाराष्ट्र सरकार उन्हें ढूंढ रही है और एक बार वह मिल जाएं तो हम फैसला करेंगे।
इसी साल 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर के नजदीक एक एसयूवी में जिलेटीन की छड़ें बरामद हुई थीं। यह कार मनसुख हिरेन की थी, जिनका शव कुछ दिनों के बाद ठाणे में मिला था। इस मामले में विस्फोटक रखने और मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वझे को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया था। वझे को परमबीर सिंह का करीबी माना जाता था और एक असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर होने के बावजूद उनकी परमबीर सिंह तक सीधी पहुंच थी।
एनआईए द्वारा मार्च में वझे की गिरफ्तारी के बाद मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से परमबीर सिंह का ट्रांसफर कर दिया गया था। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में परमबीर सिंह को आरोपी नहीं बनाया था, लेकिन चार्जशीट में कई ऐसे खुलासे किए गए जो उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।