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मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों की अदालती कार्यवाही की मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर के सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने अपने एक आदेश में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों की मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम पटेल ने आदेशों और निर्णयों की मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि इन मामलों में आदेश भी सार्वजनिक या अपलोड नहीं किए जा सकते हैं। ऑर्डर की कॉपी में पार्टियों की व्यक्तिगत रूप से पहचान योग्य जानकारी का उल्लेख नहीं किया जाएगा।

कोर्ट ने कहा कि कोई भी आदेश खुली अदालत में नहीं बल्कि न्यायाधीश के कक्ष में या इन कैमरा दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा है कि यदि किसी भी पक्ष द्वारा इसका उल्लंघन किया जाता है तो इसे न्यायालय की अवमानना ​​माना जाएगा। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि कोई भी पक्ष, उनके वकील या गवाह मीडिया को मामले में अदालत के आदेश या किसी अन्य फाइलिंग के विवरण का खुलासा नहीं कर सकते हैं।

साथ ही कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ अधिवक्ताओं और वादियों को सुनवाई में हिस्सा लेने की अनुमति होगी।

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