मुंबई: कांग्रेस के हालात को लेकर शरद पवार की ओर से की गई टिप्पणी को लेकर सोमवार को राकांपा की सफाई आई। पार्टी के नेता और राज्य में मंत्री नवाब मलिक ने कांग्रेस को आलोचना को सकारात्मक तरीके से लेने की नसीहत दे दी। साथ ही कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने के पवार के प्रयासों में सभी को योगदान देना चाहिए।
क्या बोले थे शरद पवार?
राकांपा और कांग्रेस दोनों ही, महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं। पवार ने पिछले सप्ताह एक मराठी न्यूज पोर्टल कहा था कि कांग्रेस ऐसे कमजोर जमींदार की तरह है, जो अब अपना घर नहीं संभाल सकता। राकांपा प्रमुख ने कहा कि नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस के नेता बहुत संवेदनशील हैं और किसी भी सुझाव को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। पवार ने कहा था, ‘‘हम मानते हैं कि एक समय था तब कांग्रेस की मौजूदगी कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक थी। लेकिन आज ऐसी स्थिति नहीं है।’’
नाराज हो गई थी कांग्रेस?
पवार के इस बयान पर कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने तीखी प्रतिक्रिया दी। महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने बिना किसी का नाम लिए सोमवार को कहा कि नेता पार्टी (कांग्रेस) क्यों छोड़ रहे हैं और क्या अपने दम पर राज्यों के चुनाव जीत रहे हैं? पवार की टिप्पणी के बाद नाना पटोले ने दावा किया था कि जिन नेताओं पर पार्टी ने भरोसा किया उन्होंने अंततः धोखा दिया।
कांग्रेस की इसी नाराजगी पर नवाब मलिक ने कहा, ‘‘पवार ने अपनी आलोचना के माध्यम से इस पर प्रकाश डाला और कांग्रेस को इसे सकारात्मक रूप से लेना चाहिए। भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने के पवार के प्रयासों में कांग्रेस समेत सभी पार्टियों को योगदान देना चाहिए।’’