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मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री व राकांपा नेता अनिल देशमुख पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी का शिकंजा कस चुका है, लेकिन वे कानूनी प्रक्रिया के जरिए राहत पाने की कोशिश में हैं। गुरुवार को उन्होंने कहा कि वे कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ईडी के सामने पेश होंगे। ईडी उन्हें पेश होने के लिए पांच बार समन भेजा चुका है। 

सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत
गुरुवार को जारी बयान में देशमुख ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट ने ईडी मामले में उनकी याचिका सुनवाई के लिए मंजूर की है। उस पर जल्द सुनवाई होगी। हालांकि शीर्ष कोर्ट ने उन्हें अभी गिरफ्तारी से बचने के लिए अंतरिम राहत नहीं दी है। 

बुधवार को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की ओर से फिर से समन जारी किया गया है। इसके बाद भी वे पेश नहीं हुए।

उन्होंने अपने वकील के जरिए ईडी को सूचित किया कि उनकी अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए कुछ और वक्त दिया जाए। 

सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत 
अनिल देशमुख ने बीमारी के चलते सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए ईडी को उनके खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं किए जाने की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनको राहत नहीं दी। हालांकि तीन सदस्यीय पीठ ने कहा है कि अनिल देशमुख अपील करने के लिए स्वतंत्र हैं। कानून के जानकारों का कहना है कि अनिल देशमुख अग्रिम जमानत के लिए अब हाईकोर्ट जा सकते हैं। 

100 करोड़ रुपये की उगाही का है मामला 
ईडी के समन देशमुख पर महाराष्ट्र पुलिस के माध्यम से वसूली, रिश्वतखोरी से 100 करोड़ रुपये की उगाही मामले में भेजे जा रहे हैं। मामला सामने आने के बाद अप्रैल में अनिल देशमुख ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद ईडी ने मुंबई व नागपुर स्थित अनिल देशमुख के घरों पर छापेमारी भी की थी। इस दौरान ईडी ने अनिल देशमुख के दो सहयोगियों, सचिव व सहायक को गिरफ्तार किया था।
 
4.20 करोड़ की संपत्ति हो चुकी है कुर्क
ईडी की ओर से हाल ही में अनिल देशमुख व उनके परिवार की 4.20 करोड़ की संपत्ति कुर्क भी की गई थी। ईडी का दावा था कि अनिल देशमुख ने असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे के माध्यम से कई बार मालिकों से 4.70 करोड़ का वसूली की थी। देशमुख व उनके वकील ने ईडी की इस कार्रवाई को गलत बताते हुए कहा है पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के पद से हटने के बाद उनकी ओर से गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। 

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