मुंबई: मुंबई पुलिस ने आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प होने के मामले में शनिवार को छह महिलाओं सहित 29 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इलाके में एक प्रस्तावित ‘मेट्रो कार शेड’ बनाने के लिए पेड़ों की कटाई की जा रही है। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर सख्ती बरतने का आरोप लगाया है। मुंबई पुलिस ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इससे पहले करीब 60 लोगों को हिरासत में लिया गया था, जिनमें गिरफ्तार किए गए ये लोग भी शामिल थे। उनमें कुछ छात्र हैं।
बंबई उच्च न्यायलय ने उत्तरी मुंबई के इस हरित क्षेत्र में पेड़ों की कटाई के खिलाफ दायर चार याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इसके कुछ ही घंटों बाद मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने शुक्रवार देर रात पेड़ों की कटाई शुरू कर दी। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने 29 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें छह महिलाएं हैं। इनमें से कुछ ने आरे कॉलोनी में तैनात पुलिसकर्मियों से हाथापाई की थी और उन्हें अपनी ड्यूटी करने में अवरोध पैदा किया था।’’
पुलिस अधिकारी कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों से हाथापाई भी की है। उन्होंने बताया कि एमएमआरसीएल द्वारा पेड़ों की कटाई शुरू करते ही करीब 200 पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर उन्हें रोकने की कोशिश की।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ प्रदर्शन के दौरान लोगों के एक समूह ने दो पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया, जिन्हें चोटें आई हैं।’’ कथित हमले में घायल हुए 28 वर्षीय महिला पुलिस कांस्टेबल की शिकायत के आधार पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।
इससे पहले आरे कॉलोनी और उसके आसपास के इलाकों में शनिवार सुबह दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी गई। उन्होंने कहा, ‘‘ गिरफ्तार किए गए सभी प्रदर्शनकारियों को रिमांड के लिए अदालत ले जाया गया है।’’ अधिकारी ने बताया कि हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को आरे, वनराई और दहिसर पुलिस थाने ले जाया गया, जहां से कुछ को रिहा कर दिया गया है।
इस बीच, हिरासत में ली गई एक महिला ने आरोप लगाया कि वह और उसके साथी शनिवार सुबह शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे तब भी उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि महिला प्रदर्शनकारियों को पुरुष पुलिस अधिकारियों ने जबरन पुलिस वाहनों में डाला। हालांकि, मुंबई पुलिस प्रवक्ता ने पुलिसकर्मियों द्वारा सख्ती बरतने के आरोपों को ‘‘गलत’’ करार दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति को संभालने के दौरान सभी उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया और कानूनी रूप से वैध कदम उठाए गए।’’ आरे कॉलोनी की ओर जाने वाले सभी मार्ग पर पुलिस ने घेराबंदी कर ली है और कड़ी सुरक्षा के बीच पेड़ों की कटाई जारी है।
इस कार्रवाई के लिए विपक्षी दलों ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन नीत राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे पेड़ों को बचाने में नाकाम रहे हैं। शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने भी एमएमआरसीएल की कार्रवाई की आलोचना करते हुए इसे ‘‘शर्मनाक और घिनौना’’ करार दिया है। पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रशासन की आलोचना करते हुए दावा किया कि अब तक लगभग 200 पेड़ काटे जा चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मेट्रो निगम दस अक्टूबर से पहले काम खत्म करना चाहता है। इसी दिन राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में मामले की सुनवाई होनी है।