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नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महज कुछ वक्त ही बचे हैं ऐसे में कांग्रेस में उस वक्त अंदरुनी कलह निकलकर सामने आई जब गुरुवार को सीनियर पार्टी नेता संजय निरुपम ने कहा कि वे विधानसभा चुनाव प्रचार का हिस्सा नहीं रहेंगे। पूर्व कांग्रेस चीफ निरुपम यह फैसला उस वक्त किया जब उनकी तरफ से सिफारिश किए गए एक नाम को पार्टी उम्मीदवारों की सूची में शामिल नहीं किया। संजय निरुपम ने ट्वीट करते हुए कहा- “ऐसा लगता है कि पार्टी और ज्यादा मेरी सेवा नहीं चाहती है। मैंने सिर्फ एक नाम की सिफारिश मुंबई विधानसभा चुनाव के लिए की थी। लेकिन, ऐसा सुना कि उसे खारिज कर दिया गया। जैसे कि मैंने नेतृत्व से कहा था कि उस केस में मैं चुनाव प्रचार का हिस्सा नहीं बन पाऊंगा। यह मेरा अंतिम फैसला है।”

पूर्व सांसद ने यह भी कहा कि पार्टी नेतृत्व उनसे जिस तरह का व्यवहार कर रहा है, उसे देखते हुए वह दिन दूर नहीं जब वह पार्टी को अलविदा कह देंगे। निरूपम ने पार्टी के किसी नेता का नाम लिए बिना टि्वटर पर कहा, ''ऐसा प्रतीत होता है पार्टी मेरी सेवाएं अब और नहीं चाहती।

मैंने विधानसभा चुनाव के लिए मुंबई में सिर्फ एक नाम सुझाया था। सुना है कि इसे भी खारिज कर दिया गया है। जैसा कि मैं पार्टी नेतृत्व को पूर्व में बता चुका था, ऐसी स्थिति में मैं चुनाव प्रचार में भाग नहीं लूंगा। यह मेरा अंतिम फैसला है। उन्होंने उस व्यक्ति के नाम का भी उल्लेख नहीं किया जिसे वह उम्मीदवार बनवाना चाहते थे।

पार्टी नेताओं के एक तबके की शिकायत के बाद निरूपम को इस साल लोकसभा चुनाव से पहले मार्च में मुंबई कांग्रेस प्रमुख के पद से हटा दिया गया था। उनके खिलाफ शिकायत की गई थी कि वह ''एकतरफा ढंग से काम करते हैं। निरूपम की जगह पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिन्द देवड़ा को मुंबई कांग्रेस का प्रमुख बनाया गया था। हालांकि, देवड़ा ने आम चुनाव में पार्टी की हार के बाद पिछले महीने पद से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी लोकसभा चुनाव में मुंबई की छह सीटों में से एक पर भी चुनाव नहीं जीत पाई थी। वर्तमान में मुंबई कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष पूर्व सांसद एकनाथ गायकवाड़ हैं।

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