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मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने विधानसभा चुनाव से पहले विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होनें अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे को सौंप दिया है। विधानसभा अध्यक्ष ने अजीत पवार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अजीत पवार के इस्तीफे के बाद शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके भतीजे ने विधायक पद से इस्तीफा क्यों दिया।

उन्होंने यह भी कहा कि परिवार के अंदर कोई विवाद नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि अजित के पुत्र ने उन्हें बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धनशोधन मामले में राकांपा प्रमुख का नाम लेने पर महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री बेचैन थे। क्योंकि उन्हें लगता था कि उनकी वजह से उनके चाचा का नाम (शरद पवार) बैंक घोटाले में घसीटा गया जबकि इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है। पवार ने यहां पत्रकारों से बातचीत में परिवार के भीतर विवाद की खबरों को भी खारिज किया।

उन्होंने कहा, कोई विवाद नहीं है। सभी पारिवारिक मामलों में मेरा फैसला अंतिम शब्द होता है। उन्होंने कहा, जब मैं अजित से मिलूंगा तो उनसे इस निर्णय का कारण पूछूंगा। पवार ने यह भी कहा कि वह एक योद्धा हैं और महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले के सिलसिले में उनके खिलाफ दायर धनशोधन मामला लड़ेंगे।

बता दें कि, ईडी ने बैंक घोटाले के संबंध में शरद पवार, अजित पवार और 70 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जब पार्टी जुलाई में राज्य में अस्तित्व के संकट का सामना कर रही थी, अजीत ने कहा था, पार्टी छोड़ने वाले अपने भविष्य के बारे में असुरक्षित हैं।

एनसीपी की मुंबई इकाई के प्रमुख सचिन अहीर ने जुलाई में एनसीपी से इस्तीफा दे दिया था और शिवसेना में शामिल हो गए थे, जिससे पार्टी को भारी झटका लगा था। इनके साथ ही एनसीपी के विधायक वैभव पिचद, संदीप नाइक, शिवेंद्र राजे और कांग्रेस के विधायक कालिदास कोलांबकर ने भी पार्टी छोड़ दी थी।

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