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मुंबई/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में जनसंख्या नियंत्रण पर जोर दिए जाने के बाद शुक्रवार को भाजपा के प्रमुख सहयोगी दल शिवसेना ने मुस्लिम समुदाय के एक तबके पर निशाना साधा। शिवसेना ने प्रधानमंत्री द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में दिए गए संदेश का समर्थन किया वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री शासन के ''खारिज और दखल देने वाले विचारों के साथ आ रहे हैं।

शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय का एक तबका जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश लगाने का महत्व नहीं समझता है। शिवसेना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा कर और मुस्लिमों में तीन तलाक की प्रथा पर रोक के लिए कानून बनाकर, प्रधानमंत्री ने एक संदेश दिया था। संपादकीय में कहा गया है, "इसलिए, वह जनसंख्या विस्फोट के मुद्दे को हल करेंगे और 'एक राष्ट्र एक चुनाव' अवधारणा को (कार्यान्वित) करेंगे।

शिवसेना ने कहा कि वह मोदी के इस तर्क से सहमत है कि समाज का एक बड़ा वर्ग जनसंख्या विस्फोट के खतरों को समझता है और परिवार नियोजन करता है।

शिवसेना सांसद और पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, “हम खुश हैं कि मोदी सरकार शिवसेना की नीतियों को आगे बढ़ा रही है...दिवंगत बाल ठाकरे ने हमेशा जनसंख्या नियंत्रण की जरूरत पर बल दिया।” उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार शिवसेना की नीतियों को अनुमोदित कर रही है। यह राष्ट्रीय हित में है।

राउत ने कहा कि तीन तलाक कानून समान नागरिक संहिता की दिशा में उठाया गया कदम है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि राष्ट्रीय हित के मुद्दों में धर्म को लाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म किये जाने के संदर्भ में कहा, “एक राज्य की केंद्र से अलग शक्तियां कैसे हो सकती हैं? मोदी सरकार ने इसे हटा दिया।”

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