मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) से समय-समय पर नोटों और सिक्कों के आकार और अन्य विशेषताओं को बदलने के पीछे का कारण पूछा है। नेशनल एसोसिएशन ऑफ द ब्लाइंड (एनएबी) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति एन एम जामदार की खंडपीठ ने यह प्रश्न उठाया। एनएबी की याचिका में दावा किया गया है कि आरबीआई द्वारा जारी किए गए नए करेंसी नोटों और सिक्कों ने दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए पहचान और उन्हें अलग करने के मामले में कठिनाई हो रही है।
मुख्य न्यायाधीश नंदराजोग ने कहा,"हम आरबीआई से जानना चाहते हैं कि मुद्रा नोटों में आकार और इसी तरह की विशेषताओं को बदलते रहने की क्या आवश्यकता है।" अदालत ने कहा कि दुनिया का कोई अन्य देश अपने मुद्रा नोटों के आकार और विशेषताओं को इतनी जल्दी नहीं बदलता है। अदालत को यह भी बताया गया कि इस साल मार्च में आरबीआई ने विशेष फीचर्स के साथ नए सिक्के जारी किए थे ताकि दृष्टिबाधित व्यक्तियों को इनकी पहचान करने में आसानी रहे।
अदालत ने रिजर्व बैंक को इस मुद्दे पर छह सप्ताह की अवधि के भीतर अपना हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। याचिका में केंद्रीय बैंक से नए सिक्कों और मुद्रा नोटों में विशिष्ट विशेषताओं को शामिल करने के लिए दिशा-निर्देश मांगे गए हैं।