पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और भाजपा के अन्य मंत्रियों पर विधानसभा चुनाव से पहले दूसरे दलों के नेताओं की खरीद-फरोख्त में लगे होने का आरोप लगाया। पवार ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर जांच एजेंसियों और सरकारी वित्तीय निकायों का दुरुपयोग कर नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल होने के लिए मजबूर करने का भी आरोप लगाया। राकांपा अध्यक्ष ने कहा, ''मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के अन्य मंत्री खुद इस काम (अन्य दलों के नेताओं को लुभाने) में पूरी तरह से लगे हुए हैं। अन्य दलों के नेताओं को फोन कर रहे हैं और उनसे जुड़ने के लिए कह रहे हैं।"
वित्तीय निकायों के कथित दुरुपयोग का एक उदाहरण देते हुए, उन्होंने कहा, ''पंढरपुर में कल्याण काले (पूर्व विधायक) की चीनी मिल मुश्किल स्थिति में थी। राज्य सरकार ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए उसे 30-35 करोड़ रुपये दिए और उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए कहा। चूंकि वह अपने कारखाने को बचाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने पाला बदल लिया।"
पवार ने दावा किया कि राकांपा की प्रदेश महिला अध्यक्ष चित्रा वाघ को भी डराकर भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया। वाघ ने पिछले शुक्रवार को घोषणा की थी कि वह पार्टी छोड़ रही हैं। पवार ने कहा, ''वाघ ने मुझसे मुलाकात की। वह चिंतित लग रही थी। उसने कहा, ''उन्होंने मुझे बताया कि उनके पति के खिलाफ कुछ आपराधिक मामले हैं। इसके अलावा, उनके सहकारी संस्थान के खिलाफ एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) जांच शुरू की गई है। यही कारण है कि उन्होंने मुझसे भाजपा में शामिल होने की अनुमति देने का आग्रह किया था।"
पवार ने आरोप लगाया कि कागल से राकांपा के विधायक हसन मुश्रीफ को भी भाजपा ने प्रस्ताव दिया था, लेकिन जब उन्होंने इनकार कर दिया, तो आयकर विभाग ने कोल्हापुर में उनके परिसर में छापे मारे। पवार ने कहा कि सतारा के विधायक शिवेंद्रराजे भोंसले और अहमदनगर के विधायक संग्राम जगताप राकांपा के साथ हैं।