ताज़ा खबरें
संसद में अडानी और संभल पर हंगामा,दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान

मुंबई: मेडिकल स्टूडेंट पायल तडवी आत्महत्या मामले में जो सुसाइड नोट सामने आया है, वह हैरान करने वाला है। मुंबई के बी वाई एल नायर अस्पताल में तीन मेडिकल छात्रों ने 26 वर्षीय पायल ताडवी का महीनों तक मानसिक रूप से उत्पीड़न किया। उसे अपमानित किया गया और बदतमीजी की गई.. और आखिरकार उसे खुद की जान लेने पर मजबूर किया। यह बात पायल तड़वी के सुसाइड नोट से सामने आया है, जिसे पुलिस ने गुरुवार को जारी किया। मुंबई पुलिस ने 1,200 पन्नों की चार्जशीट दायर की है, जिसमें तीन पन्नों का सुसाइड नोट है। तीनों आरोपियों - हेमा आहूजा, भक्ति मेहरा और अंकिता खंडेलवाल को इस पत्र में आत्महत्या के लिए जिम्मेदार माना गया है।

पायल तड़वी (26) मेडिकल में स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा थी और वह बी वाई एल नायर अस्पताल से संबद्ध थी। उसने 22 मई को अपने हॉस्टल के कमरे में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। अपने माता-पिता को संबोधित सुसाइड नोट में पायल तड़वी ने लिखा कि उसे जब परेशान किया जा रहा था, तब विभाग से उसे किसी तरह की मदद नहीं मिली।

नोट में लिखा है - “मैंने इस कॉलेज में कदम रखा इस उम्मीद में कि मैं इस तरह के अच्छे संस्थान में पढ़ूंगी मगर लोगों ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। शुरू में मैं और स्नेहल (दोस्त) आगे नहीं आए और न ही किसी से भी कुछ कहा। मुझे उस हद तक यातनाएं दी गईं, जिसे मैं सहन नहीं कर सकती थी। मैंने उनके खिलाफ शिकायत की लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।”

नोट में उसने लिखा, "मैंने अपना पेशेवर जीवन, निजी जीवन, सब कुछ खो दिया है क्योंकि उन्होंने ऐलान कर दिया है कि जब तक वे नायर कॉलेज में हैं, वे मुझे कुछ भी सीखने नहीं देंगे।" तडवी के सुसाइड नोट की एक बरामद तस्वीर और एक फॉरेंसिक रिपोर्ट में पुष्टि की गई है कि नोट में लिखावट तडवी की है, जिसे चार्जशीट का हिस्सा बनाया गया है। तडवी ने नोट में कहा कि तीन साथी महिला डॉक्टरों ने उसकी शिक्षा को अवरुद्ध कर दिया और उसे एक स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में अनुभव प्राप्त करने से रोकने के लिए कहीं और ड्यूटी लगवा दी।

नोट में उसने लिखा, 'मुझे पिछले 3 सप्ताह से लेबर रूम संभालने की मनाही है क्योंकि वे मुझे इसके लिए योग्य और सक्षम नहीं मानते। मुझे ओपीडी के दौरान लेबर रूम से बाहर रहने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, उन्होंने मुझे कंप्यूटर पर स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली की प्रविष्टि करने के लिए कहा है, वे मुझे मरीजों की जांच करने की अनुमति नहीं देते। मैं जो कर रही हूं वह क्लर्क वाला काम है। ” तडवी ने कहा कि वह मानसिक रूप से परेशान हो गईं हैं।

नोट में लिखा, "यहां काम करने के लिए स्वस्थ माहौल नहीं है और मैं कुछ भी करने के की उम्मीद खो चुकी हूं, क्योंकि मुझे पता है कि यह नहीं होगा। अगर आप अपने लिए बोलते हैं या खड़ा भी होते हैं तो इसका कोई नतीजा नहीं निकलेगा। " नोट में आगे लिखा है, “मैंने बहुत कोशिश की, कई बार आगे आई, मैडम से इस बारे में बात की लेकिन कुछ नहीं किया गया। मुझे अब सचमुच कुछ नहीं दिखता। मैं केवल अपना अंत देख सकती हूं।''

आगे लिखा- मुझे मानसिक रूप से काफी ज्यादा परेशान किया जा रहा है, इसलिए मैं यह कदम उठा रही हूं...” पायल ने यह भी लिखा है कि इस कदम के पीछे (तीन महिला डॉक्टर) यह लोग हैं, मुझे माफ करना...''

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख