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मुंबई: पुणे पुलिस ने बुधवार को बांबे हाईकोर्ट के सामने दावा किया कि नक्सलियों से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा का पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से संपर्क था। पुलिस के मुताबिक नक्सली समूह भी हिजबुल और कश्मीर के अलगाववादी नेताओं से संपर्क में थे। जस्टिस रंजीत मोरे और जस्टिस भारती डोंगरे की बेंच ने हालांकि नवलखा की गिरफ्तारी पर लगी रोक अगले आदेश तक बढ़ा दी है। मामले में सुनवाई आज भी होगी। पांच जुलाई को हाईकोर्ट ने नवलखा की गिरफ्तारी पर 23 जुलाई तक अंतरिम रोक लगाई थी।

नवलखा और कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ता नक्सलियों से कथित संबंधों के आरोप में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। नवलखा ने हाईकोर्ट से अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर खारिज करने की गुहार लगाई थी, जिस पर सुनवाई चल रही है। पुणे पुलिस की ओर से पेश अधिवक्ता अरुणा पाई ने हाईकोर्ट में कहा, मामले में सह आरोपी रौना विल्सन और सुरेंद्र गाडलिंग के लैपटॉप से बरामद जानकारी से साबित होता है कि नवलखा और उससे जुड़े विभिन्न नक्सल समूहों ने हिजबुल के शीर्ष नेताओं से बातचीत की थी।

नवलखा 2011 से हिजबुल समेत विभिन्न प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से संबंध बनाने में जुटा है। नवलखा का संपर्क 2011 से 2014 के बीच सैयद अली शाह गिलानी और शकील बख्शी समेत विभिन्न कश्मीरी अलगाववादी नेताओं से भी रहा। हालांकि नवलखा के वकील ने सभी आरोपों को निराधार करार दिया।

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