मुंबई: दक्षिण मुंबई के डोंगरी में मंगलवार को महाडा की चार मंजिला रिहायशी इमारत गिर गई। राज्य के आवास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने पत्रकारों को बताया कि दक्षिण मुंबई के डोंगरी में टंडेल मार्ग पर एक संकरी गली में स्थित 'कौसर बाग बिल्डिंग गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई है। स्थानीय निकाय के अधिकारियों ने बताया कि मलबे में अभी तक 40-50 लोगों के फंसे होने की आशंका है।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक सूचना के अनुसार इमारत का एक बड़ा हिस्सा सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट पर गिर गया। बेहद घनी आबादी और संकरी सड़कों वाले इलाके में स्थित इस इमारत में काफी लोग रह रहे थे। इसके मलबे में 40-50 लोगों के फंसे होने की आशंका है। बीएमसी ने इमामबाड़ा नगरपालिका उच्चतर माध्यमिक कन्या विद्यालय में आश्रयस्थल बनाया है। दमकल विभाग, मुंबई पुलिस और निकाय अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं लेकिन संकरी सड़कों के कारण राहत एवं बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में जुटे हैं और मलबा हटाने में मदद कर रहे हैं।
बचाव कार्य में मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें भी मौके पर पहुंच गयी हैं। एम्बुलेंस मौके पर नहीं पहुंच पा रही है, उसे 50 मीटर की दूरी पर खड़ा करना पड़ा।
मौके पर पहुंचे मुम्बादेवी के विधायक अमिर पटेल का कहना है कि हमार अंदाजा है कि मलबे में अभी भी 10-12 परिवार फंसे हुए हैं। एक अन्य विधायक भाई जगताप का कहना है कि निवासी लगातार महाडा से शिकायत कर रहे थे कि इमारत बहुत पुरानी है और बेहद खस्ता हाल है। इस इमारत का मालिकाना हक महाराष्ट्र आवास एवं विकास प्राधिकरण (महाडा) के पास है। संस्था के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।
वहीं महाडा का कहना है कि उसने यह इमारत पुन:विकास के लिए एक प्राइवेट बिल्डर को दी गयी थी और वह जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करेगी। महाडा के अध्यक्ष उदय सामंत का कहना है कि डोंगरी स्थित इमारत उसके अधिकार क्षेत्र में जरूर थी लेकिन उसे पुन:विकास के लिए प्राइवेट बिल्डर को दिया गया था। उन्होंने कहा, अगर बिल्डर ने पुन:विकास में देरी की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यदि महाडा के अधिकारी इसे लिए जिम्मेदार हैं तो उनके खिलाफ भी कड़ी कर्रवाई होगी।
जर्जर था इमारत का आधा हिस्सा
संकरी गली में बनी इस इमारत के नीचे दुकानें बनी थीं, जबकि इसकी ऊपरी मंजिलों पर परिवार रह रहे थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि लगभग छह परिवार इस इमारत में रह रहे थे। इमारत का आधा हिस्सा जर्जर था, जिसके गिरने की आशंका पहले से ही थी लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे आसपास के लोगों में गुस्सा भी है।