ताज़ा खबरें
संसद में अडानी और संभल पर हंगामा,दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान

नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का इतिहास और राष्ट्र निर्माण में इसकी भागीदारी को नागपुर विश्वविद्यालय (राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय) के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। बीए द्वितीय वर्ष के पाठ्यक्रम में संघ का इतिहास जोड़ा गया है। बता दें कि नागपुर में ही संघ का मुख्यालय भी है। इसके तीसरे भाग में जहां राष्ट्र निर्माण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भागीदारी की जानकारी दी गई है, वहीं पहले भाग में कांग्रेस पार्टी के निर्माण और देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की राजनीतिक शुरुआत के बारे में बताया गया है। दूसरा भाग सविनय अवज्ञा आंदोलन जैसे मुद्दों पर आधारित है।

विश्वविद्यालय के बोर्ड ऑफ स्टडीज के सदस्य सतीश चफले ने मंगलवार को बताया कि बीए (इतिहास) द्वितीय वर्ष के चौथे सेमेस्टर में भारत का इतिहास (1885-1947) इकाई में राष्ट्र निर्माण में संघ की भूमिका पर आधारित पाठ जोड़ा गया है। इस कदम को छात्रों को इतिहास में 'नए रुझानों' के बारे में जागरूक करने के प्रयासों का हिस्सा बताया जा रहा है। बता दें कि साल 2003-2004 में विश्वविद्यालय में एमए (इतिहास) के पाठ्यक्रम में एक पाठ 'आरएसएस का परिचय' भी था।

सतीश ने कहा, 'इस साल हमने इतिहास के छात्रों के लिए राष्ट्र निर्माण में संघ की भूमिका का पाठ जोड़ा है ताकि उन्हें इतिहास में हो रहे नए रुझानों का पता चल सके। मार्क्सवाद और नया मार्क्सवाद या नया आधुनिकतावाद नए रुझानों के तौर पर इतिहास का हिस्सा बने हैं।'

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख