नई दिल्ली: हाई प्रोफाइल आईएनएक्स मीडिया मामले में इंद्राणी मुखर्जी ने सरकारी गवाह बनने की मांग की है, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है। इंद्राणी मुखर्जी ने खुद इस मामले में सरकारी गवाह बनने की मांग के लिए कोर्ट में याचिका डाली थी। इंद्राणी मुखर्जी आईएऩएक्स मीडिया की पूर्व निदेशक हैं। आपको बता दें इस केस में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम आरोपी हैं। इससे पहले भ्रष्टाचार के इस केस में इंद्राणी मुखर्जी के सरकारी गवाह बनने की याचिका को सीबीआई का समर्थन मिला था। सीबीआई की दलील है कि इससे केस में सबूतों को मजबूती मिलेगी।
आईएऩएक्स मीडिया केस साल 2007 में आईएनएक्स मीडिया को मिले पैसों के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी मिलने से जुड़ा हुआ है। 305 करोड़ रुपये के इस हाई प्रोफाइल घोटाले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का भी नाम शामिल है। सीबीआई और ईडी केस में जांच कर रही है कि कैसे पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को 2007 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से आईएनएक्स मीडिया के लिए मंजूरी मिल गई थी, जबकि उस वक्त वित्त मंत्री खुद उनके पिता पी. चिदंबरम थे।
सीबीआई और ईडी की जांच में ये पता चला कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाने के लिए आईएनएक्स मीडिया के निदेशक पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी ने पी. चिदंबरम से मुलाकात की थी। जिससे विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी में कोई देरी ना हो।
आपको बता दें इंद्राणी मुखर्जी मुंबई की भायखाला जेल में अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के जुर्म में सजा काट रही हैं।