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मुंबई: महाराष्ट्र के विभिन्न अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने निलंबन और तनख्वाह काटे जाने की चेतावनी से बेफिक्र आज (गुरूवार) चौथे दिन भी अपनी हड़ताल जारी रखी। राज्य के करीब 4,000 डॉक्टर सोमवार से हड़ताल पर हैं। सरकारी अस्पतालों में मरीजों के रिश्तेदारों द्वारा उन पर हमले किए जाने की घटनाओं के मद्देनजर डॉक्टरों की मांग है कि उनकी सुरक्षा में इजाफा किया जाए। प्रदर्शन से विभिन्न अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं बाधित हुई हैं। कल रात यहां के निगम संचालित सायन अस्पताल की एक महिला डॉक्टर की एक मरीज के रिश्तेदारों ने कथित तौर पर पिटाई कर दी जिसने डॉक्टरों के प्रदर्शन को और आक्रमक बना दिया। मुंबई के नगर संचालित केईएम अस्पताल ने उन डॉक्टरों को निलंबित करना शुरू कर दिया है जिन्होंने चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन के कल शाम तक काम पर लौटने के लिए कहने के बावजूद ड्यूटी पर रिपोर्ट नहीं की। महाजन ने प्रदर्शनकारी रेजिडेंट डॉक्टरों को चेतावनी दी थी कि अगर डॉक्टरों ने कल रात आठ बजे तक काम शुरू नहीं किया तो उन्हें छह महीने के वेतन का नुकसान होगा और निलंबन का सामना करना पड़ेगा। बंबई हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक जनहित याचिका के दौरान डॉक्टरों को फटकार लगाई थी। वह आज फिर मामले की सुनवाई करेगा।

केईएम अस्पताल के डीन डॉ अविनाश सुपे ने कहा, ‘‘ कल के सरकारी निर्देशों के बाद, हमने मुंबई के केईएम, सायन और नायर अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों को निलंबित करने के नोटिस जारी करने शुरू कर दिए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इन तीन अस्पतालों में कम से कम 1500 रेजिडेंट डॉक्टर हैं जिन्होंने कल रात आठ बजे तक ड्यूटी पर रिपोर्ट नहीं किया था । अब वे सब निलंबन का सामना करेंगे।’’

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