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मुंबई: विमानवाहक पोत आईएनएस विराट को 30 साल की सेवा के बाद भारतीय नौसेना से विदाई दी गयी. इस जंगी जहाज को सोमवार शाम नौसेना प्रमुख सुनील लांबा और सशस्त्र बलों के शीर्ष अधिकारियों की उपस्थिति में एक भव्य कार्यक्रम में विदाई दी गयी. आईएनएस विराट दूसरा ‘सेंटोर’श्रेणी का विमान वाहक है जो 30 सालों तक भारतीय नौसेना की सेवा में रहा. इसके पूर्व इस विमानवाहक पोत ने रॉयल ब्रिटिश आर्मी के लिए अर्जेंटीना के विरूद्ध फाकलैंड की लड़ाई जीती थी. यह 27,800 टन का है और इसने नवंबर, 1959 से अप्रैल 1984 तक एचएमएस हर्मीस के तौर पर ब्रिटिश सेना में अपनी सेवा दी तथा नवीनीकरण के बाद इसे भारतीय नौसेना में शामिल किया गया. अस्सी के दशक के उत्तरार्ध में भारतीय नौसेना ने 6.5 करोड़ डॉलर में इसे खरीदा था और 12 मई, 1987 को इसे फिर बेड़े में शामिल किया गया था. अपनी सेवा के आखिर दिन इस विमान वाहक का प्रारब्ध अस्पष्ट है कि इसे लक्जरी होटल में तब्दील किया जाएगा या फिर यह नष्ट करने के लिए स्क्रैपयार्ड ले जाया जाएगा। नौसेना प्रमुख ने इस कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हम चाहेंगे कि विराट को मुम्बई में संग्रहालय बनाया जाए या फिर इसे गोताखोरी स्थल।’ नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने केंद्र सरकार के साथ संयुक्त उपक्रम के माध्यम से इसे विशाखापत्तनम में मनोरंजन स्थल में तब्दील करने के आंध्रप्रदेश के प्रस्ताव पर अबतक कोई निर्णय नहीं लिया है।'

नौसेना चाहती है कि आईएनएस विराट का हश्र उसके पूर्ववर्ती आईएनएन विक्रांत जैसा होने से रोकने के लिए शीघ्र निर्णय लिया जाए। आईएनएन विक्रांत को स्क्रैपयार्ड भेजा गया था।

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