बाड़मेर: राजस्थान के बाड़मेर में आंधी-बारिश से पंडाल गिर गया। इस दुर्घटना में 18 लोगों की मौत हो गई। वहीं कई लोग घायल हो गए। रविवार शाम रामकथा के दौरान ये हादसा हुआ। घटना बालोतरा के जसोल कस्बे की है। बता दें कि पंडाल में अधिकांश बुजुर्ग महिला और पुरुष रामकथा सुन रहे थे। घायलों की संख्या बढ़ने का अंदेशा है। मृतकों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो सकती है। खबर है कि पंडाल गिरने के बाद बारिश के चलते करंट भी फैल गया। कई लोग इसकी चपेट में आ गए। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि जांच के बाद ही सही कारण पता चलेंगे।
फिलहाल, आंधी-बारिश के चलते पंडाल गिरने से मौत की सूचना है। हादसे के बाद आयोजन स्थल पर अफरा- तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने घायलों को निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाया। प्रशासन ने सभी डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ को तत्काल अस्पताल पहुंचने के निर्देश दिए हैं। इस दुर्घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दुख व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने कहा कि मैं इस दुख की घड़ी में घायलों के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना करता हूं।
केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने राजस्थान के बाड़मेर में तेज आंधी के कारण रामकथा का पंडाल गिरने से घायल हुए लोगों से अस्पताल में मुलाकात की। घायलों से मिलने के बाद कैलाश चौधरी ने कहा कि ये घटना दर्दनाक है। मैं मरने वालों और उनके परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।
उन्होंने आगे कहा कि मैं प्रशासन के संपर्क में हूं। मैंने गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री से बात की है। सीएम द्वारा घोषित मुआवजा प्रभावितों तक पहुंच गया है। बता दें कि राजस्थान के बाड़मेर स्थित जसोल धाम में रामकथा के दौरान तेज आंधी से एक पंडाल गिर गया था, जिससे भगदड़ के दौरान दम घुटने और करंट फैलने से 18 श्रद्धालुओं की मौत हो गई।
हादसे में 50 से अधिक लोग घायल हो गए। कथा के दौरान पंडाल में करीब 400 श्रद्धालु मौजूद थे। घटना के बाद जसोल धाम में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि पंडाल लगभग 20 फीट ऊपर तक उड़ा फिर नीचे गिरा। उसके बाद लोहे के पाइप में करंट दौड़ गया, जिससे सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।
घटना के समय हवा की रफतार 80 से 100 किमी प्रति घंटा थी। करीब डेढ़ मिनट में ही पूरा पंडाल तहस-नहस हो गया। किसी को संभलने का भी मौका नहीं मिला। लोगों का आरोप है कि पंडाल का फाउंडेशन बेहद कमजोर था। वह सिर्फ दो फीट के फाउंडेशन पर खड़ा था।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को मुआवजे के तौर पर 5-5 लाख रुपये, वहीं घायलों के लिए 2-2 लाख रुपये देने की घोषणा की है। वहीं सीएम ने मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं।
पुलिस का कहना है कि राम कथा सुनने के लिए जसोल धाम में करीब 1500 लोग आए थे, लेकिन जिस पंडाल में हादसा हुआ, उस में करीब 400 लोग मौजूद थे। पंडाल गिरने के बाद बिजली के तारों की चपेट में आ गया, जिससे करंट फैल गया।
ये हैं हादसे के कारण
कथा दोपहर 2 बजे शुरू हुई, हादसा से पहले ही आंधी के साथ बूंदाबांदी शुरू हो गई थी। बारिश के बाद भी कथा को जारी रखा गया।
पंडाल गिरते ही करंट दौड़ा तो बिजली काट दी गई लेकिन वहां लगे दो ऑटोमैटिक जनरेटर स्टार्ट हो गए।
मुरलीधर महाराज मारवाड़ के प्रसिद्ध कथावाचक हैं। उनके कार्यक्रमों में काफी भीड़ आती है। फिर भी प्रशासन ने सुरक्षा संबंधी तैयारियों का जायजा नहीं लिया।
पंडाल में हवा पास होने के लिए जगह ही नहीं छोड़ी गई थी। जब तूफानी हवा आई तो पंडाल में भर गई। बवंडर ने पंडाल को ऊपर की ओर उड़ा लिया।